वार्ता से होना चाहिए विरासती मुद्दों का समाधान, न कि एकतरफा कार्रवाई से : थलसेना प्रमुख

By भाषा | Updated: April 19, 2021 21:34 IST2021-04-19T21:34:44+5:302021-04-19T21:34:44+5:30

Negotiations should resolve the legacy issues, not unilateral action: Army Chief | वार्ता से होना चाहिए विरासती मुद्दों का समाधान, न कि एकतरफा कार्रवाई से : थलसेना प्रमुख

वार्ता से होना चाहिए विरासती मुद्दों का समाधान, न कि एकतरफा कार्रवाई से : थलसेना प्रमुख

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल चीन के साथ सीमा गतिरोध के संदर्भ में थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने सोमवार को कहा कि विरासती मुद्दों और मतभेदों का समाधान एकतरफा कार्रवाई की जगह पारस्परिक सहमति और वार्ता से किए जाने की आवश्यकता है।

जनरल नरवणे ने एक संगोष्ठी में अपने संबोधन में उल्लेख किया कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सकारात्मक घटनाक्रम हुए जिनकी वजह से पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों की वापसी हुई।

उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में चीजों के फिर से घटित होने से बचने तथा शांति एवं स्थिरता को संयुक्त रूप से बनाए रखने संबंधी चीनी राजदूत सुन वीडोंग की हालिया टिप्पणी भविष्य में भारत-चीन संबंधों के लिए एक अच्छा संकेत है।

क्षेत्रीय घटनाक्रमों के बारे में उन्होंने नियंत्रण रेखा पर भारत और पाकिस्तान की सेनाओं द्वारा 2003 के संघर्षविराम समझौते के प्रति नयी कटिबद्धता व्यक्त किए जाने का संदर्भ दिया और कहा कि यह भविष्य के लिए अच्छा है।

जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘हाल में हम इस साल फरवरी में पाकिस्तान की सेना के साथ संघर्षविाम संबंधी एक नयी समझ पर पहुंचे हैं और तब से नियंत्रण रेखा पर कोई गोलीबारी नहीं हुई है। यह भविष्य के लिए अच्छा है।’’

उन्होंने कहा कि चीन के साथ भी एलएसी पर सकारात्मक घटनाक्रम रहे हैं जिसकी वजह से पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील क्षेत्र से सैनिकों की वापसी हुई।

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Web Title: Negotiations should resolve the legacy issues, not unilateral action: Army Chief

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