नीमचः न्यायाधीश की कार चलाते हैं पिता, 25 वर्षीय बेटी वंशिता पहले ही प्रयास में बनीं सिविल जज
By भाषा | Published: April 28, 2022 09:38 PM2022-04-28T21:38:29+5:302022-04-28T22:33:17+5:30
न्यायाधीश की कार चलाने वाले अरविंद कुमार गुप्ता ने बृहस्पतिवार को बताया, ‘‘मैं बेहद खुश हूं कि मेरी बेटी वंशिता अपने पहले ही प्रयास में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो के पद के लिए चुनी गई है। मुझे मेरी बेटी पर गर्व है।’’
इंदौरः मध्य प्रदेश के नीमच जिले में एक न्यायाधीश के कार चालक की 25 वर्षीय बेटी अपने पहले ही प्रयास में व्यवहार न्यायाधीश (सिविल जज) वर्ग-दो भर्ती परीक्षा में इस पद के लिए चयनित हुई है। इसके बाद उसका परिवार जश्न में डूबा हुआ है।
नीमच जिले के जावद कस्बे के एक न्यायाधीश की कार चलाने वाले अरविंद कुमार गुप्ता ने बृहस्पतिवार को बताया, ‘‘मैं बेहद खुश हूं कि मेरी बेटी वंशिता अपने पहले ही प्रयास में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो के पद के लिए चुनी गई है। मुझे मेरी बेटी पर गर्व है।’’
न्यायाधीश के कार चालक के रूप में 20 साल से काम कर रहे गुप्ता ने बताया कि उनकी बेटी ने जयपुर के एक महाविद्यालय में कानून की पढ़ाई की और इसके बाद इंदौर के एक कोचिंग संस्थान में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-दो भर्ती परीक्षा की तैयारी की। इस भर्ती परीक्षा के कामयाब उम्मीदवारों में शामिल वंशिता ने कहा, ‘‘मेरे पिता के पेशे के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान है।
उन्होंने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है।’’ उन्होंने बताया कि कक्षा 10 में आने से पहले वह पायलट बनना चाहती थीं, लेकिन जब वह एक बार उनके पिता के साथ अदालत गईं तो उनका विचार अचानक बदल गया और उन्होंने ठान लिया कि उन्हें अब न्यायाधीश ही बनना है।