राजनीतिज्ञों में विधायी स्वभाव पैदा करने की जरूरत: नायडू
By भाषा | Updated: December 22, 2021 21:44 IST2021-12-22T21:44:28+5:302021-12-22T21:44:28+5:30

राजनीतिज्ञों में विधायी स्वभाव पैदा करने की जरूरत: नायडू
नयी दिल्ली, 22 दिसंबर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि राजनीतिज्ञों में विधायी प्रवृत्ति पैदा करने की आवश्यकता है क्योंकि एक सांसद/विधायक का उद्देश्य कानून बनाना, चर्चा करना, बहस करना और निर्णय लेना होता है न कि बाधा डालना।
नायडू की यह टिप्पणी एक कार्यक्रम में संसद के शीतकालीन सत्र के निर्धारित समय से एक दिन पहले समाप्त होने के बाद आई। सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों द्वारा बार-बार व्यवधान देखा गया।
विज्ञान प्रसार द्वारा प्रेरणादायक वैज्ञानिकों के जन्म शताब्दी समारोह के उद्घाटन के अवसर पर राज्यसभा के सभापति नायडू ने कहा, ‘‘एक तरफ हम प्रगति कर रहे हैं और दूसरी तरफ हमारे कुछ चुने हुए प्रतिनिधि संस्थानों का मजाक बना रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें न केवल एक वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करना चाहिए, बल्कि मुझे लगता है कि अब हमें अपने राजनीतिज्ञों में विधायी स्वभाव पैदा करना चाहिए, यह समय की आवश्यकता है। जैसा कि मैं उच्च सदन की अध्यक्षता कर रहा हूं, मैं देख रहा हूं कि क्या हो रहा है .... विजयराघवन (प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार) को हमारे राजनीतिज्ञों में विधायी स्वभाव पैदा करने में मदद करने के लिए कुछ वैज्ञानिक आविष्कारों के साथ आना चाहिए।’’
नायडू ने कहा कि सांसदों का उद्देश्य कानून बनाना और चर्चा करना, बहस करना और निर्णय लेना होता है, न कि बाधित करना। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक मार्गदर्शक, सिद्धांत होना चाहिए। एक तरफ हम प्रगति कर रहे हैं और दूसरी तरफ हमारे कुछ चुने हुए प्रतिनिधि संस्थानों का मजाक उड़ा रहे हैं। इसे जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए और यह राजनीतिक नेताओं द्वारा किया जाना है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले लोगों की सराहना की जानी चाहिए और उनका समर्थन किया जाना चाहिए।’’
राज्यसभा की कार्यवाही निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई और सभापति नायडू ने इस शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के कामकाज पर चिंता और अप्रसन्नता जतायी।
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