पणजी, 27 मार्च उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एन.वी.रमना ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका की जरूरतों को पूरा करने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों को साथ मिल कर राष्ट्रीय न्यायिक आधारभूत ढांचा निगम गठित करना चाहिए।
देश के अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में चुने गए न्यायमूर्ति रमना यहां पोरवोरिम में बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ की नयी इमारत का उद्घाटन कर रहे थे।
समारोह में प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे और केन्द्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति रमना ने कहा, ‘‘आधुनिकीकरण के रास्ते में आने वाली बाधाओं के बारे में बात करे तो, धन की कमी कभी भी प्रगति के रास्ते में अड़चन नहीं बननी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्यों को साथ मिल कर न्यायपालिका की अवसंरचना संबंधी जरुरतों को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आधारभूत ढांचा निगम का गठन करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे सहयोग से न्यायिक आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के आवश्यक एकरुपता और मानकता आएगी।’’
न्यायमूर्ति ने कहा कि तकनीक को न्यायपालिका के साथ जोड़ना मुश्किल भरा काम रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी ने अदालतों को जर्जर भवनों में बिना रिकॉर्ड रूम के काम करते देखा है। ऐसे परिसर भी हैं, जहां शौचालय और बैठने की जगह तक नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने बहुत बड़ी चुनौती पेश की थी, लेकिन न्यायमूर्ति बोबडे ने केन्द्र की मदद से वर्चुअल सुनवाई की शुरूआत करने के लिए कदम उठाया।
न्यायमूर्ति रमना ने कहा, ‘‘इस कदम ने अदालतों को लोगों के घरों तक पहुंचा दिया।
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