महाराष्ट्र में बाढ़ संकट के स्थायी समाधान की जरूरत: ठाकरे

By भाषा | Published: August 2, 2021 06:46 PM2021-08-02T18:46:48+5:302021-08-02T18:46:48+5:30

Need for permanent solution to Maharashtra's flood crisis: Thackeray | महाराष्ट्र में बाढ़ संकट के स्थायी समाधान की जरूरत: ठाकरे

महाराष्ट्र में बाढ़ संकट के स्थायी समाधान की जरूरत: ठाकरे

पुणे, दो अगस्त पिछले महीने हुई भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बाढ़ आने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि राज्य में बाढ़ संकट का 'स्थायी समाधान' निकालने और इस संबंध में कुछ कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री पश्चिमी महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित सांगली जिले में पहुंचे, जहां उन्होंने भीलवाड़ी, अंकलखोप, कस्बे-दिगराज और कई अन्य क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया और बाढ़ प्रबंधन की दिशा में प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा, ''हमें दो मोर्चों पर काम करना है। पहला, बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत पहुंचाना है और इसपर काम चल रहा है। प्रशासन ने पहले ही हरकत में आते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। दूसरा, तत्काल राहत प्रदान करने के अलावा, हमें क्षेत्र में लगातार बाढ़ के संकट के स्थायी समाधान पर काम करना होगा और इसके लिए हमें कुछ कड़े कदम उठाने होंगे।''

ठाकरे ने कहा कि अगर कुछ निर्माण, पानी के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं तो उन्हें हटाने की जरूरत है।

उन्होंने लगातार बाढ़ से प्रभावित लोगों के स्थायी पुनर्वास की आवश्यकता को भी रेखांकित किया और कहा कि इसके लिए लोगों के सहयोग की आवश्यकता होगी।

उन्होंने कहा, ''पश्चिमी महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति के मुद्दे के समाधान के लिए प्रभावी बाढ़ प्रबंधन की जरूरत है। मुझे बाढ़ के पानी को सूखा प्रभावित क्षेत्रों की ओर मोड़ने के बारे में कुछ सुझाव मिले हैं। हम इसके बारे में भी सोच रहे हैं।''

ठाकरे ने कहा कि बाढ़ प्रबंधन के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई जाएगी।

उन्होंने कहा, ''भूस्खलन की घटनाओं का अध्ययन करने और ऐसे भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की तलहटी में स्थित मानव बस्तियों को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।''

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों को जारी रखने की जरूरत है, लेकिन ऐसे कार्यों के पक्ष और विपक्ष का विश्लेषण करना भी जरूरी है। ठाकरे ने कहा कि वह तीन मामलों में केंद्र की ओर से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ''पहला, बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के मानकों को संशोधित करने की आवश्यकता है, जो पुराने हो गए हैं। हमने इन मानदंडों में संशोधन की मांग की है। मैंने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को उठाया है। एनडीआरएफ सहायता के अलावा, हमने यह भी मांग की है कि बीमा राशि का कम से कम 50 प्रतिशत उन लोगों को दिया जाए, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा किए गए आकलन के आधार पर बाढ़ में नुकसान हुआ है। इसके अलावा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को कम ब्याज दरों पर नए ऋण जारी करने की भी मांग की गई है।''

ठाकरे ने कहा कि एमवीए सरकार सभी बाढ़ प्रभावित जिलों जैसे सतारा, सांगली, कोल्हापुर, रायगढ़, सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी के लिए सड़कों, पुलों आदि के निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए ''समग्र दीर्घकालिक योजना'' लेकर आएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार बाढ़ से बचने के उपायों की सिफारिश करने के लिए वडनेर समिति सहित पूर्व में गठित सभी समितियों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की समीक्षा करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम इन सभी समितियों के विशेषज्ञों से सुझाव लेंगे और उसी के अनुसार आगे बढ़ेंगे।''

नदियों के पास दीवारें बनाने के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा कि यह सुझाव एक विशेषज्ञ ने दिया था।

उन्होनें कहा, ''मैंने कहा था कि एक विशेषज्ञ ने यह सुझाव दिया था, लेकिन इसकी व्यवहार्यता, दीवार के निर्माण के सटीक स्थान और अन्य पहलुओं जैसे कि क्या ऐसी दीवार अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करेगी, इसपर विचार करने के लिए विशेषज्ञों के साथ चर्चा करने की आवश्यकता है।

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Web Title: Need for permanent solution to Maharashtra's flood crisis: Thackeray

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