एनसीबी का इस्तेमाल लोगों को 'बदनाम करने, परेशान' करने के लिए किया जा रहा है: जयंत पाटिल
By भाषा | Updated: October 28, 2021 14:04 IST2021-10-28T14:04:30+5:302021-10-28T14:04:30+5:30

एनसीबी का इस्तेमाल लोगों को 'बदनाम करने, परेशान' करने के लिए किया जा रहा है: जयंत पाटिल
मुंबई, 28 अक्टूबर महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) का इस्तेमाल लोगों को ''परेशान और बदनाम'' करने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने रत्नागिरि में पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी के नेता तथा राज्य के मंत्री नवाब मलिक ''सच्चाई सामने ला रहे हैं।''
मलिक ने एनसीबी के मुंबई क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं।
क्रूज मादक पदार्थ मामले में जबरन वसूली के आरोपों के बाद वानखेड़े राजनीति के केंद्र में हैं। इस मामले में अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। वानखेड़े जबरन वसूली के आरोपों को लेकर विभागीय सतर्कता जांच का सामना कर रहे हैं।
पाटिल ने कहा, "एनसीबी का इस्तेमाल लोगों को बदनाम करने, परेशान करने और लंबे समय तक सलाखों के पीछे रखने के लिए किया जा रहा है। आर्यन खान और कई अन्य लोगों के साथ ऐसा हुआ है। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।"
उन्होंने कहा कि राज्य के मंत्री नवाब मलिक ने (एनसीबी अधिकारियों के खिलाफ) कुछ दावे किए हैं, जिनकी पुष्टि दस्तावेजों से की जा सकती है।
राज्य के जल संसाधन मंत्री ने कहा, ''समीर वानखेड़े मुंबई आए एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जा रही जांच का सामना कर रहे हैं। उनके द्वारा प्रदान किए गए प्रमाण पत्रों के बारे में सब कुछ आने वाले दिनों में सामने आ जाएगा कि वह भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में कैसे शामिल हुए और उन्हें कोटे का लाभ कैसे मिला। मुझे उम्मीद है कि समिति (एनसीबी सतर्कता जांच दल) उनकी गड़बड़ी को छिपाने के लिए यहां नहीं आई है।''
वानखेड़े के खिलाफ मलिक के आरोपों पर एक सवाल के जवाब में पाटिल ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सच सामने ला रहे हैं।
उन्होंने दावा किया, "केंद्रीय एजेंसियां गलतियां कर रही हैं और ध्यान भी भटका रही हैं। इन एजेंसियों का इस्तेमाल आम नागरिकों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है।"
मलिक कई बार क्रूज मादक पदार्थ मामले को "फर्जी" करार दे चुके हैं और उन्होंने वानखेड़े के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं, जिसमें अवैध फोन टैपिंग और नौकरी हासिल करने के लिए जाली दस्तावेजों का उपयोग करना शामिल है।
वानखेड़े ने आरोपों का खंडन करते हुए कुछ भी गलत काम करने से इनकार किया है।
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