बिजली (संशोधन) विधेयक को संसद में पेश करने की घोषणा के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन

By भाषा | Updated: December 8, 2021 16:14 IST2021-12-08T16:14:09+5:302021-12-08T16:14:09+5:30

Nationwide protest against the announcement of introduction of Electricity (Amendment) Bill in Parliament | बिजली (संशोधन) विधेयक को संसद में पेश करने की घोषणा के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन

बिजली (संशोधन) विधेयक को संसद में पेश करने की घोषणा के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन

लखनऊ, आठ दिसंबर बिजली (संशोधन) विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में पेश किए जाने के सरकार के ऐलान के खिलाफ बिजली अभियंताओं एवं अन्यकर्मियों ने अपनी राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर बुधवार को देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया।

समिति में शामिल ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनयर्स (एनसीसीओईई) के आह्वान पर बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने देश भर में प्रदर्शन किया।

इसके साथ ही एलान किया कि बिजली (संशोधन) विधेयक को संसद में रखा गया तो उसी दिन देश के 15 लाख बिजली कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे और 15 दिसंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

दुबे ने बताया कि केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक को संसद में रखने और पारित कराने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से मांग है कि बिजली क़ानून में व्यापक बदलाव वाले इस विधेयक को जल्दबाजी में पारित करने के बजाय इसे संसद की बिजली मामलों की स्थाई समिति के पास भेजा जाना चाहिए और समिति के सामने बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों को अपने विचार रखने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 में उत्पादन का लाइसेंस समाप्त कर बड़े पैमाने पर बिजली उत्पादन का निजीकरण किया गया, जिसके परिणामस्वरुप देश की जनता को निजी घरानों से बहुत महंगी बिजली की मार झेलनी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि अब बिजली (संशोधन) विधेयक 2021 के जरिये बिजली वितरण का लाइसेंस लेने की शर्त समाप्त की जा रही है, जिससे बिजली वितरण के सम्पूर्ण निजीकरण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

दुबे ने कहा कि इस विधेयक में प्रावधान है कि किसी भी क्षेत्र में एक से अधिक बिजली कम्पनियां बिना लाइसेंस लिए कार्य कर सकेंगी और बिजली वितरण के लिए यह निजी कम्पनियां सरकारी वितरण कंम्पनी का मूलभूत ढांचा और नेटवर्क इस्तेमाल करेंगी। निजी कम्पनियां केवल मुनाफे वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को ही बिजली देंगी जिससे सरकारी बिजली कंपनी की आर्थिक हालत और खराब हो जाएगी।

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Web Title: Nationwide protest against the announcement of introduction of Electricity (Amendment) Bill in Parliament

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