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National Inter Religious Conference: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बोले-सभी का राष्ट्रधर्म एक, हमारे कपड़े भले अलग-अलग रंग के

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 24, 2021 20:24 IST

National Inter Religious Conference: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे कपड़े अलग-अलग रंग के हैं. उपासना का तरीका भी अलग  है.

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ठळक मुद्देनितिन गडकरी ने कहा कि धर्म शब्द का उपयोग कर्तव्य के रूप में होता है. हमारी संस्कृति किसी एक धर्म से जुड़ी नहीं है.धर्मगुरुओं ने सर्वधर्म समभाव एवं संस्कृति का सम्मान करने का संदेश दिया है.

National Inter Religious Conference: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे कपड़े अलग-अलग रंग के हैं. उपासना का तरीका भी अलग  है. संप्रदाय एवं धर्म की संकल्पना भी अलग-अलग हो सकती है. लेकिन सबका भावार्थ एक ही है. हम सबका राष्ट्रधर्म एक ही है. यही भारतीय संस्कृति की ताकत है. 

गडकरी ने कहा कि धर्म शब्द का उपयोग कर्तव्य के रूप में होता है. हमारी संस्कृति किसी एक धर्म से जुड़ी नहीं है. धर्मगुरुओं ने सर्वधर्म समभाव एवं संस्कृति का सम्मान करने का संदेश दिया है. सर्वधर्म समभाव ही सबका सार है. सबका सम्मान करना ही जीवन का दृष्टिकोण है. इसमें ही हमारे जीवन को सही अर्थो में संपन्न करने की क्षमता और इसके बल पर हमारे देश के पास विश्वगुरु बनने का समर्थ है.

उन्होंने अपेक्षा जताई कि भारत भय, भूख, भ्रष्टाचार, आतंकवाद मुक्त राष्ट्र बने. जिस प्रकार अलग-अलग नदियों का संगम होता है, उसी प्रकार लोकमत द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अंतरधर्मीय परिषद में अलग-अलग विचारों का संगम हुआ.  हम जिनके मार्गदर्शन में काम करते हैं, लोकमत उन्हें एक मंच में लेकर आया है. 

धर्मनिरपेक्षता की राह पर चला लोकमत : विजय दर्डा

लोकमत पत्र समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद विजय दर्डा ने कहा कि लोकमत के नागपुर संस्करण का यह स्वर्ण जयंती वर्ष है. इस बात की खुशी है कि लोकमत अपनी कलम की आजादी के पचास वर्ष मना रहा है. लोकमत को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, आचार्य विनोबा भावे एवं राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त हुआ. लोकमत पहले ही दिन से धर्मनिरपेक्षता की राह पर चला है. सर्वधर्म समभाव ही हमारी नीति रही है. क्षमा और अहिंसा हमारी रगों में है.

हमारा मानना है कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है. सभी धर्म, पंथ का आदर किया. भारत की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका भी यही है. हमारी संस्कृति ने वसुधैव कुटुम्बकम का पाठ पढ़ाया है. लेकिन आज धर्म के नाम पर इंसानों की हत्या हो रही है. धर्म के नाम बर जो हालात खड़े हुए उसकी पाश्र्वभूमि में सामाजिक सौहाद्र्र की चर्चा की संकल्पना सामने आई. इस परिषद से जो विचार बाहर जाएंगे, वे निश्चित रूप से मौलिक रहेंगे और विश्व को दिशा दिखाएंगे.

भारत की ओर देख रहा विश्व : राजेंद्र दर्डा

धर्म-पंथ के नाम पर विश्व में हो रही हत्याओं पर चिंता जताते हुए लोकमत समूह के एडिटर इन चीफ राजेंद्र दर्डा ने  कहा कि पूरा विश्व हल के लिए भारत की ओर देख रहा है. भगवान महावीर, तथागत बुद्ध, गुरु गोविंद सिह, महात्मा गांधी द्वारा दिए गए अहिंसा के सिद्धांतों पर आचरण करने की वजह से वैश्विक स्तर पर भारत की जवाबदारी बढ़ गई है. शांति एवं सद्भावना के मार्ग से ही विश्व को बचाया जा सकता है. उन्होंने इस दौरान  परिषद में उपस्थित हुए धर्मगुरुओं एवं अतिथियों का आभार माना.

टॅग्स :राष्ट्रीय अंतर-धार्मिक सम्मेलननागपुरबाबा रामदेवनितिन गडकरी
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