16 श्रमिकों की मौत: एक्शन में NHRC, प्रवासी मजदूरों की मौत पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भेजा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 8, 2020 06:57 PM2020-05-08T18:57:13+5:302020-05-08T19:29:28+5:30

मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा किदेश के अलग-अलग राज्य में काम के लिए गए मध्य प्रदेश के मेरा मजदूर भाइयों और बहनों आज मैं भारी पीड़ा के साथ आपको संबोधित कर रहा हूं, रेल हादसे में मध्य प्रदेश के 16 मजदूर भाई अपनी जान गंवा बैठे हैं।

National Human Rights Commission has issued notices to the Maharashtra Chief Secretary & the Aurangabad District Magistrate after taking suo motu cognizance of media reports about mowing down of 16 migrant workers by an empty goods train in the early hour | 16 श्रमिकों की मौत: एक्शन में NHRC, प्रवासी मजदूरों की मौत पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भेजा

सरकार अपने परिवारों के पास लौटने की इच्छा रखनेवाले गरीबों के दुखों के प्रति मूकदर्शक बनी रही है। (file photo)

Highlightsऔरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने राज्य में मालगाड़ी की चपेट में आकर हुई 16 प्रवासी मजदूरों की मौत को शुक्रवार को ‘‘हत्या’’ करार दिया।मजदूरों की ‘‘दुर्दशा की अनदेखी’’ करने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाने चाहिए।पटरियों पर 16 प्रवासी मजदूरों की मौत, मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस दिया।

नई दिल्ली/ मुंबई/औरंगाबादः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मालगाड़ी से कुचल कर 16 प्रवासी मजदूरों की मौत की घटना पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भेजा है। सरकार से जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अधिकारियों की टीम औरंगाबाद भेजी गई है, घायलों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है, पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है, रेल मंत्री से बात करते घटना की जांच के आदेश भी दिए गए हैं। अलग-अलग राज्यों से 1,25,000 मजदूर भाई बहनों को हम मध्य प्रदेश ला चुके हैं, अभी तक 11 ट्रेन आ चुकी है, 10 ट्रेन कल आने वाली हैं, 40 ट्रेन और तैयार हैं और जितनी ट्रेनों की आवश्यकता पड़ेगी हम उसकी व्यवस्था करेंगे।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने एक मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 प्रवासी श्रमिकों की मौत पर शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और औरंगाबाद के जिला मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी किया। आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने शुक्रवार तड़के मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 प्रवासी श्रमिकों की मौत के बारे में मीडिया की खबरों का संज्ञान लिया है।

इसमें कहा गया है कि अधिकारियों को चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। इसमें कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित गरीब लोगों, खास कर प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन, आश्रय और अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य और जिला अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदमों का ब्यौरा भी देने को कहा गया है।

खबरों के अनुसार, आज सुबह हुए इस हादसे में 14 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और दो लोगों ने बाद में दम तोड़ दिया। ये लोग अपने गृह राज्य मध्यप्रदेश लौट रहे थे। अधिकारियों के अनुसार, वे थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे।

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने कहा कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन की पटरियों पर शुक्रवार तड़के मालगाड़ी से कटकर 16 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो जाने के संबंध में सवाल करने पर उन्होंने कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ घटना है। विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों की तकलीफों को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें चरणबद्ध तरीके से वापस लाने की प्रक्रिया बृहस्पतिवार से ही शुरू हो गई है और उन्हें विशेष वाणिज्यिक उड़ानों तथा नौसेना के जहाजों की मदद से लाया जाएगा।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी से कटकर 16 श्रमिकों की मौत की घटना के मद्देनजर प्रवासी कामगारों की परेशानियों के निजात के लिये उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को एक नयी अर्जी दायर की गयी है। न्यायालय द्वारा निस्तारित की जा चुकी एक याचिका में दायर इस अर्जी में केन्द्र को सभी जिलाधिकारियों को जगह जगह फंसे प्रवासी मजदूरों की पहचान करने और उन्हें उनके पैतृक स्थान भेजने से पहले उनके लिये खाना, पानी, आवास और परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

इस आवेदन मे कहा गया है कि तमाम कठिनाइयों से रूबरू हो रहे ये प्रवासी कामगार अब किसी न किसी तरह अपने पैतृक घर पहुंचना चाहते हैं। इसी कड़ी में इन श्रमिकों का एक समूह रेल लाइन के किनारे किनारे मध्म प्रदेश लौट रहा था कि थकान की वजह से वे रेलवे लाइन पर ही सो गये। इसी बीच, एक मालगाड़ी ऊपर से निकल गयी जिसमे 16 श्रमिकों की मृत्यु हो गयी। अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने इस आवेदन में केन्द्र के पहले के उस बयान का हवाला दिया है जिसमे कहा गया था कि किसी भी व्यक्ति को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिये सड़कों पर पैदल जाने की अनुमति नहीं है और सरकारें इन प्रवासी कामगारों को पर्याप्त सुविधायें उपलब्ध करायेंगी।

इस आवेदन में औरंगाबाद के गढ़ेजलगांव में आज सवेरे हुयी हृदय विदारक घटना का जिक्र करते हुये कहा गया है कि इसके लिये केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा जाये कि न्यायालय के आदेश के बावजूद इस तरह की ट्रेन दुर्घटनाओं से बचने के लिये कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया। आवेदन के अनुसार इस हादसे का शिकार हुये श्रमिक मध्य प्रदेश के शहडोल ओर उमरिया जिले के रहने वाले थे। वे महाराष्ट्र के जालना से औरंगाबाद रेलवे स्टेशन ट्रेन में सवार होने जा रहे थे।

कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद इन श्रमिकों ने सतना और करमाड के बीच रेलवे पटरियों पर ही आराम करने का फैसला किया और एक मालगाड़ी उन पर से गुजर गयी। इससे पहले, न्यायालय ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के कल्याण के लिये उपायों की आवश्यकता को लेकर दायर जनहित याचिका का यह कहते हुये निस्तारण कर दिया था कि केन्द्र और राज्य सरकारें उन्हें राहत प्रदान करने के लिये उचित कदम उठा रही हैं।

रेल पटरी पर 16 प्रवासी मजदूरों की मौत ‘हत्या’ का मामला है: जलील

महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सांसद इम्तियाज जलील ने राज्य में मालगाड़ी की चपेट में आकर हुई 16 प्रवासी मजदूरों की मौत को शुक्रवार को ‘‘हत्या’’ करार दिया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से फंसे हजारों प्रवासी मजदूरों की ‘‘दुर्दशा की अनदेखी’’ करने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाने चाहिए।

मध्य प्रदेश लौट रहे 16 प्रवासी मजदूर औरंगाबाद से लगभग 30 किलोमीटर दूर कर्माड के नजदीक आज सुबह उस समय मालगाड़ी की चपेट में आ गए जब वे पटरियों पर सोए हुए थे। मजलिस ए इत्तेहाद उल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के नेता जलील ने कहा, ‘‘16 प्रवासी मजदूरों की मौत, हत्या का मामला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फंसे मजदूरों की दुर्दशा की अनदेखी करने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय और राज्य सरकार के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाने चाहिए।’’

सांसद ने कहा, ‘‘पैदल या साइकिल से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल या झारखंड की ओर जाते प्रवासी मजदूरों की वीडियो फुटेज मैंने व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को ट्वीट की थीं, लेकिन उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार अपने परिवारों के पास लौटने की इच्छा रखनेवाले गरीबों के दुखों के प्रति मूकदर्शक बनी रही है।’’

इनपुट भाषा

Web Title: National Human Rights Commission has issued notices to the Maharashtra Chief Secretary & the Aurangabad District Magistrate after taking suo motu cognizance of media reports about mowing down of 16 migrant workers by an empty goods train in the early hour

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे