जम्मू-कश्मीरः स्टेट सब्जेक्ट मुद्दे पर नेशनल कांफ्रेंस-PDP एकजुट हुए तो सज्जाद लोन भी साथ आने लगे

By सुरेश डुग्गर | Published: December 3, 2018 06:45 PM2018-12-03T18:45:55+5:302018-12-03T18:45:55+5:30

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल को लिखे पत्र में स्थायी प्रमाणपत्र प्रक्रिया में बदलाव पर चिंता जताई है। उमर ने लिखा है कि नेशनल कांफ्रेंस का यह विचार है कि यह प्रक्रिया राज्य के जनसांख्यिक स्वरूप को बदलने और राज्य के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ का प्रयास है।

National Conference-PDP united on State subject issue in jammu kashmir | जम्मू-कश्मीरः स्टेट सब्जेक्ट मुद्दे पर नेशनल कांफ्रेंस-PDP एकजुट हुए तो सज्जाद लोन भी साथ आने लगे

जम्मू-कश्मीरः स्टेट सब्जेक्ट मुद्दे पर नेशनल कांफ्रेंस-PDP एकजुट हुए तो सज्जाद लोन भी साथ आने लगे

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के एक निर्देश ने चिर प्रतिद्वंद्वी नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अर्थात पीडीपी को एकजुट कर दिया है। उनकी एकजुटता को देखते हुए मुद्दे का समर्थन करे हुए सज्जाद लोन ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वे बेकार के विवाद पैदा न करें। हालांकि मामले पर सफाई देते हुए राज्यपाल ने कहा है कि उन्होंने स्टेट सब्जेक्ट मामले पर कोई ऐसा निर्देश नहीं दिया है जो कोई बदलाव लाता हो।

इस राज्य में जम्मू कश्मीर बैंक को सार्वजनिक उपक्रम घोषित करने पर जहां अभी विरोध प्रदर्शन चल रहा है। वहीं राज्य में एक और विवाद उत्पन्न हो गया है। इस बार विवाद स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र को लेकर है। सूत्रों का कहना है कि राजभवन में इसे जारी करने की प्रक्रिया पर मंथन चल रहा है। हालांकि यह बदलाव किस तरह का है, इस पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है।

राज्य में भारतीय जनता पार्टी कई सालों से पश्चिम पाकिस्तान रिफ्यूजियों और वाल्मिकी समुदाय को स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र देने की मांग कर रही है। हालांकि अभी इस पर स्पष्ट नहीं हुआ है कि स्थायी नागिरकता प्रमाणपत्र पर क्या बदलाव हो रहे हैं। 

लेकिन, सूत्रों का कहना है कि इसमें बदलाव किया जा रहा है। इस बारे में राज्यपाल प्रशासन की ओर से संबधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं। इस बात की भनक लगते ही राज्य में बवाल मच गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री ने जहां राज्यपाल प्रशासन के स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र को लेकर बदलाव करने की किसी भी प्रक्रिया का स्वागत किया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने इस मामले में राज्य प्रशासन को चेतावनी दे डाली है।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्यपाल को लिखे पत्र में स्थायी प्रमाणपत्र प्रक्रिया में बदलाव पर चिंता जताई है। उमर ने लिखा है कि नेशनल कांफ्रेंस का यह विचार है कि यह प्रक्रिया राज्य के जनसांख्यिक स्वरूप को बदलने और राज्य के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ का प्रयास है। राज्य प्रशासनिक परिषद यहां के संस्थानों को बदल रही है। यह लोकतंत्र के नियमों के खिलाफ है। 

रिपोर्ट के अनुसार, आपकी सरकार स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र की प्रक्रिया में बदलाव कर रही है और इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। यह आपत्तिजनक और निंदनीय है। यह राज्य के लोगों के साथ विश्वासघात है और इस कदम से राज्य में शांति स्थापित करने के प्रयासों को भी झटका लगेगा।

यह कदम उस समय उठाया जा रहा है जब राज्य में लोकतांत्रिक सरकार भी नहीं है। विधानसभा भंग हो गई है और कुछ महीनों में राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं। हमारा राज्य संवेदनशील है और राज्य प्रशासनिक काउंसिल का कोई भी गलत फैसला यहां के हालात को खराब कर सकता है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा कदम उठाने से पहले किसी भी राजनीतिक दल को विश्वास में नहीं लिया गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यपाल इस कदम को वापस लेंगे।

पीडीपी की प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र के नियमों को बदलने के आदेश को वापिस नहीं लिया गया तो राज्य में साल 2008 जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि साल 2008 में श्री बाबा अमरनाथ भूमि को स्थानांतरित करने का आदेश जारी हुआ था और कश्मीर में जन आंदोलन हो गया था। सरकार को उसी समय आदेश वापिस लेना पड़ा था। राज्यपाल ने अब स्थायी नागरिकता प्रणामपत्रों के नियमों और जम्मू कश्मीर बैंक के नियमों में बदलाव किया है।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर नेकां, पीडीपी और अन्य पार्टियां एक है। उन्होंने हैरानगी जताई कि राज्यपाल बिना रूके ही विवादास्पद आदेश जारी करते जा रहे है जिसमें जम्मू कश्मीर नगर पालिका कानून, जम्मू कश्मीर बैंक और पीआरसी नियम शामिल है। यहां तक जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे का सवाल है तो नेकां और पीडीपी एकजुट है। हम नेकां व कांग्रेस के साथ मिल कर सरकार बनाने के प्रयास मेें थे लेकिन राज्यपाल ने प्रयास नाकाम बना दिए।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने कहा कि राज्य प्रशासन को पश्चिमी पाकिस्तान रिफ्यूजियों और बाल्मिकी समुदाय को स्थायी नागिरकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह नागिरक सात दशकों से जम्मू कश्मीर में रह रहे हैं। ऐसे में इन्हें नागरिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने यह प्रमाणपत्र आनलाइन बनाने की मांग की।

राज्य में भाजपा की सहयोगी पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रधान सज्जाद लोन का कहना है कि राज्यपाल प्रशासन बेहतर शासन देने की र ध्यान दे। राज्य में बिना कारण कोई भी विववाद पैदा न करे। इस समय राज्य में राज्यपाल शासन है और उनकी यह कोशिश है कि स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र कानून को लेकर बदलाव किया जाए। हालांकि यह साफ नहीं है कि क्या बदलाव किए जा रहे हैं। इस बारे में राज्यपाल प्रशासन को अपना रवैया साफ करना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र में किसी भी प्रकार के बदलाव की जानकारी होने पर अपनी अनभिज्ञता जारी की है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र गुप्ता का कहना है कि अगर विशेष दर्जे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हो रही है तो फिर विरोध किस बात का। अगर पीआरसी को जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर कोई बदलाव सामने आता है तो पार्टी इस पर मंथन करेगी।

राज्य की स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र पर बवाल मचने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने ऐसी किसी भी प्रक्रिया होने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने एक बयान में कहा कि यह प्रमाणपत्र राज्य के संवैधानिक ढांचे के अभिन्न अंग है। इसके साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के प्रयास नहीं हो रहे हैं। 

राज्यपाल ने उमर अब्दुल्ला के पत्र पर कहा कि स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं है और अगर यह संभव भी हुआ तो इसके लिए राज्य के लोगों को विश्वास में लिया जाएगा। किसी भी विवाद में पड़ने से पहले यह जरूरी है कि सभी पक्षों की राय ली जाए।

पीआरसी जम्मू कश्मीहर पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट 2011 के तहत आता है। कानून के अनुसार तीस दिन के भीतर इसे जारी किया जाना चाहिए लेकिन लोगों को इस अवधि में यह नहीं मिल रहा है। इसकी शिकायतें मिल रही है। इसे देखते हुए राजस्व विभाग ने कुछ सुझाव लिए हैं। यह एक सामान्य प्रशासनिक मुद्दा है और इसका बिना किसी कारण मतलब नहीं निकला जाना चाहिए। उन्होंने उमर से कहा कि लोगों में बिना कारण अविश्वास पैदा न किया जाए। रही बात फैक्स मशीन के काम करने की तो आपका फैक्स प्राप्त हुआ था और मेरे कार्यालय ने इसे प्राप्त किया था। आप यह ट्वीट कर रहे थे कि यह काम नहीं कर रहा है। 

Web Title: National Conference-PDP united on State subject issue in jammu kashmir

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