भारत के सबसे कम उम्र के पेटेंट धारक दिव्यांग को राष्ट्रीय पुरस्कार, किये 7 अविष्कार और तीन पेटेंट अपने नाम
By भाषा | Published: December 4, 2019 03:27 PM2019-12-04T15:27:46+5:302019-12-04T15:34:33+5:30
व्हील चेयर के जरिये चलने को मजबूर 17 वर्षीय हृदयेश्वर सिंह भाटी ने सात आविष्कार के साथ तीन पेटेंट अपने नाम करने के साथ साथ कई पुरस्कार भी जीते है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भारत के सबसे कम उम्र के पेटेंट धारक दिव्यांग हृदयेश्वर सिंह भाटी को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। घातक बीमारी का सामना कर रहे भाटी को मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में 'भारत के सबसे उत्कृष्ट खोज और आविष्कारक बच्चे' की श्रेणी में यह पुरस्कार दिया गया है। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने पुरस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया था।
तीन पेटेंट अपने नाम किया हृदयेश्वर सिंह भाटी ने
व्हील चेयर के जरिये चलने को मजबूर 17 वर्षीय हृदयेश्वर सिंह भाटी ने सात आविष्कार के साथ तीन पेटेंट अपने नाम करने के साथ साथ कई पुरस्कार भी जीते है। वह ड्यूशेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक बीमारी से पीड़ित है। ह्रदयेश्वर ने शतरंज के क्षेत्र में आविष्कार के लिये उसने दुनिया में देश का नाम ऊंचा किया है।
छह खिलाडि़यों की गोल शतरंज का आविष्कार
भाटी ने पहली बार 2013 में 9 साल की उम्र में छह खिलाडि़यों की गोल शतरंज का आविष्कार किया और देश के सबसे कम उम्र के दिव्यांग पेटेंट धारक बन गए। भाटी ने 12 और 60 खिलाड़ियों के लिये भी गोल शतरंज का आविष्कार किया है और उनके लिए पेटेंट प्राप्त किया है। ह्रदयेश्वर को पहले भी कई सम्मान मिल चुके हैं।