Mahakumbh 2025: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को प्रयागराज में महाकुम्भ शुरू होने के साथ ही इसे भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोने वालों के लिए एक बेहद खास दिन करार दिया और कहा कि यह विशाल धार्मिक आयोजन भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुम्भ का आरंभ हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नयी ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है।’’
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘भारतीय मूल्यों और संस्कृति को संजोने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक बहुत ही खास दिन! महाकुम्भ 2025 प्रयागराज में शुरू हो रहा है, जिसमें अनगिनत लोग आस्था, भक्ति और संस्कृति के पवित्र संगम में एक साथ आते हैं। महाकुम्भ भारत की कालातीत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है और आस्था और सद्भाव का जश्न मनाता है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें प्रयागराज में आए श्रद्धालुओं को देखकर खुशी हो रही है, जहां अनगिनत लोग आ रहे हैं, पवित्र डुबकी लगा रहे हैं और ईश्वर से आशीर्वाद मांग रहे हैं। उन्होंने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के शानदार प्रवास की कामना की।
मालूम हो कि 13 जनवरी से अगले 45 दिनों तक चलने वाले मेले का आगमन हो गया है। हिंदू धर्म में एक शुभ पर्व कुंभ में लाखों भक्तों का पहुंचना जारी है। धार्मिक मान्यताओं तौर पर पौष पूर्णिमा के साथ शुरू हो गया है, जो आज इस आयोजन का पहला 'स्नान' (पवित्र स्नान) है। इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लेने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में कुंभ मेले में एकत्र हुए हैं। कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे पाप धुल जाते हैं और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
कुंभ मेला, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक, पूरे आयोजन के दौरान विभिन्न अनुष्ठानों और सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता रहता है।