PM Modi 3.0 Cabinet: देश में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है। मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति भवन में इसे लेकर भव्य तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शाम 7:15 बजे यह समारोह शुरू हो जाएगा। इस समारोह में शामिल होने के लिए देश-विदेश से मेहमान दिल्ली पहुंच रहे हैं।
मोदी भारतीय राजनीति में दूसरे ऐसे नेता बन गए हैं जो लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनसे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तीन बार लगातार पीएम पद की शपथ ली थी। मोदी के शपथ के साथ ही उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सांसद भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का नाम भी है। जेपी नड्डा मोदी सरकार 3.0 में मंत्री पद की शपथ लेंगे।
यहां बताते चले कि 2014 में जब केंद्र में मोदी की सरकार बनी तो उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। लेकिन 2019 में उन्हें मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिली थी। चलिए जानते हैं कौन हैं जेपी नड्डा
लोकसभा चुनावों के दौरान कई लोगों को यह मालूम हो गया होगा कि जेपी नड्डा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। आज इस स्टोरी में हम आपको उनके जीवन काल के उतार-चढ़ाव के बारे में बताएंगे। चलिए शुरू करते हैं। जेपी नड्डा का जन्म 2 दिसंबर 1960 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ।
नड्डा मूलरूप से हिमाचल के रहने वाले हैं। उन्होंने अपना राजनीति करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से कर दी थी। एबीवीपी के साथ वह जुड़े और काम किया। धीरे-धीरे वह राजनीति में आए और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज नड्डा बीजेपी के दिग्गज नेताओं में से एक हैं। उनके अध्यक्ष काल में एनडीए की तीसरी बार सरकार बन रही है और मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन रहे हैं।
जेपी नड्डा का पूरा नाम जगत प्रकाश नड्डा है। हिमाचल के रहने वाले नड्डा ब्राहम्ण परिवार से आते हैं। लेकिन, उन्होंने अपनी पढ़ाई बिहार की राजधानी पटना से की। उन्होंने पटना के सेंट जेवियर्स स्कूल में 12वीं की पढ़ाई के बाद पटना विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की। हिमाचल से उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई भी की।
नड्डा के राजनीति करियर पर एक नजर
जेपी नड्डा ने साल 1975 में जय प्रकाश नारायण आंदोलन में शामिल रहे। 1984 में एबीवीपी के संगठन मंत्री के तौर पर काम किया। 1989 में एबीवीपी के सचिव बने। 1991 में बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष बनाए गए। उन्होंने साल 1993 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा। वह हिमाचल प्रदेश की विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। 1998 में नड्डा कैबिनेट मंत्री बने। 2010 में पहली राज्यसभा से सांसद बने। 2018 में हिमाचल से दूसरी बार राज्यसभा भेजे गए।