देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए 10% कोटा लागू करने के लिए 4315 करोड़ रुपये से अधिकी की अतिरिक्त राशि को मंजूरी दे दी। यह राशि केंद्र द्वारा 158 वित्त पोषित उच्च शिक्षा संस्थानों को दी गई। राशि को दो चरणों ईडब्ल्यूएस उद्धरण कार्यान्वयन के लिए संस्थानों को जारी किया गया है, जिसमें छात्रवृत्ति, शिक्षकों का वेतन और बुनियादी ढांचे का निर्माण शामिल है।
खबरों के अनुसार, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि संस्थानों ने ईडब्ल्यूएस कोटे के पहले चरण के कार्यान्वयन को लगभग पूरा कर लिया है। विश्वविद्यालयों ने अपने प्रस्ताव मंत्रालय को भेजे थे, जिनका अध्ययन करने के बाद सरकार ने आरक्षण को लागू करने की सुविधा के लिए अतिरिक्त निधि को मंजूरी दी।
बताया गया है कि 2020-21 के शैक्षणिक वर्ष के दौरान 23 आईआईटी कॉलेजों में 4,320 और आईआईएम में 743 अतिरिक्त सीटें होंगी। 40 केंद्रीय विश्वविद्यालय करीब 27,000 सीटें जोड़ी जाएंगी। जुलाई में इग्नू ने पहले ही 70,000 सीटें जोड़ ली हैं। इसके बाद दिसंबर 2019 में अन्य 20,000 सीटें और 2020 में 60,000 सीटें जोड़ेगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने जो धनराशि को मंजूरी दी है उसमें बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए खास प्रमुखता दी गई है। सरकार ने इस उद्देश्य के लिए 2,680.18 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। इसके बाद 917.14 करोड़ रुपये छात्रवृत्ति के लिए दिए गए। नए 10% ईडब्ल्यूएस कोटा के जरिए 2019-20 और 2020-21 के शैक्षणिक वर्ष के दौरान एडमिशन में काफी इजाफा देखा जाएगा।
आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने पर सीटों की संख्या आईआईटी कॉलेजों में 23,831 से बढ़कर 33,539 हो जाएगी, जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में छात्रों की संख्या 2,09,027 से बढ़कर 2,56,250 हो जाएगी।