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मोदी सरकार शुरू कर सकती है 'उज्ज्वला दीदी' कार्यक्रम, लोक सभा 2019 के लिए साबित होगा गेम-चेंजर?

By संतोष ठाकुर | Updated: November 7, 2018 15:53 IST

सूत्रों के अनुसार पंचायत या ब्लॉक स्तर पर काम करने वाली इन उज्ज्वला कार्यकर्ताओं को प्रति नए कनेक्शन, रिफिल के आधार पर एक निश्चित मानदेय दिया जाएगा.

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गांव-देहात में स्वास्थ्य सेवाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए काम करने वाली आशा कार्यकर्ताओं की तरह ही सरकार एलपीजी सेवाओं के लिए उज्ज्वला दीदी नामक कार्यक्रम की तैयारी में जुट गई हैं. इस योजना के तहत गांव स्तर पर वहां की स्थानीय महिलाओं को उज्ज्वला दीदी के तौर पर घर-घर एलपीजी कनेक्शन पहुंचाने का कार्य दिया जाएगा.

पंचायत या ब्लॉक स्तर पर काम करने वाली इन उज्ज्वला कार्यकर्ताओं को प्रति नए कनेक्शन, रिफिल के आधार पर एक निश्चित मानदेय दिया जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि इस नए कदम से गांव-देहात में भाजपा को आने वाले आम चुनाव में बड़े स्तर पर राजनैतिक लाभ मिल सकता है.

सूत्रों के मुताबिक हाल ही में पेट्रोलियम मंत्रालय ने कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की देश के 3 लाख से अधिक गांवों तक पहुंच देखते हुए उनके साथ गांव-देहात में नए एलपीजी कनेक्शन देने, सिलेंडर रिफिल के लिए करार किया था. उसी दौरान 'उज्ज्वला दीदी' को लेकर भी तैयारी की गई थी.

जहां सीएससी किसी गैस एजेंसी के विस्तार केंद्र के तौर पर कार्य करेंगे तो वहीं उज्ज्वला दीदी एक सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर लोगों के घर तक स्वच्छ ईंधन पहुंचाने के लिए कार्य करेंगी. ये महिलाएं हर घर जाकर उनसे एलपीजी कनेक्शन की जानकारी हासिल करेंगी. इच्छुक परिवारों को नया कनेक्शन दिलाने में मदद करेंगी.

ओडिशा से शुरू हो सकता है उज्जवला दीदी का पहला चरण

सूत्रों के अनुसार अगर कहीं पर रिफिल की समस्या होगी तो वहां पर सरकार और उनके बीच संवाद-सूत्र के तौर पर काम करेंगी. उम्मीद की जा रही है कि इसका पहला चरण ओडिशा से शुरू हो सकता है.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए उज्ज्वला योजना शुरू से ही चुनाव जिताने वाली योजना के तौर पर सामने आई है. खासकर यूपी के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के पीछे पेट्रोलियम मंत्रालय की इस योजना को बड़ी वजह करार दिया गया.

उज्ज्वला योजना के सफल क्रियान्वयन से पार्टी और सरकार में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का राजनैतिक कद भी लगातार बढ़ा है. वह इस समय पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानामंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा मंत्रियों में से एक हैं.

12 नवंबर से सात दिसंबर के बीच पाँच राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान, छ्त्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम) के विधान सभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं। पाँच राज्यों के चुनाव नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे। माना जा रहा है कि इन राज्यों में भी बीजेपी को उज्जवला योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है। 

जानकारों के अनुसार मोदी सरकार लोक सभा 2019 को ध्यान में रखते हुए 'उज्ज्वला दीदी' कार्यक्रम को समय रहते अमलीजामा पहनाना चाहती है।

टॅग्स :नरेंद्र मोदीलोकसभा चुनावभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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