कोरोना से जंग के लिए 23,123 करोड़ के पैकेज का ऐलान, हर जिले में ऑक्सीजन स्टोरेज सहित कुछ ऐसी है पूरी योजना
By विनीत कुमार | Published: July 9, 2021 07:51 AM2021-07-09T07:51:57+5:302021-07-09T08:11:53+5:30
कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच केंद्र की गुरुवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने 23,123 करोड़ के पैकेज की मंजूरी दी है।
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी कैबिनेट में फेरबदल के बाद हुई बैठक में केंद्र सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करने के लिए 23,123 करोड़ के पैकेज की मंजूरी दी। ये मंजूरी वित्तीय वर्ष 2021-22 में अगले 9 महीने में तत्काल जरूरत को ध्यान में रखते हुए दी गई है।
इस राशि का इस्तेमाल देश में स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधाओं को और बेहतर करने में किया जाएगा। इसमें पेडियेट्रिक केयर यूनिट तैयार करना, कोविड महामारी को देखते हुए अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाना, जीनोम सिक्वेंसिंग को मजबूत करना, आईसीयू सुविधाओं को बेहतर करना, और अधिक ऑक्सीजन टैंक सहित जरूरी दवाओं के स्टॉक को बढ़ाना आदि शामिल है।
कुल फंड में से 15 हजार करोड़ केंद्र की ओर से दिया जाएगा जबकि 8123 करोड़ राज्य की ओर से होंगे। केंद्र की ओर से इस तरह के दूसरे पैकेज को मंजूरी दी गई है। इससे पहले सरकार की ओर से कोविड-19 महामारी को देखते हुए अप्रैल 2020 में पहली बार पैकेज दिया गया था।
कोरोना से बच्चों को बचाने पर विशेष जोर
कैबिनेट की बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि देश में 2.4 लाख नॉर्मल मेडिकल बेड और 20 हजार आईसीयू बेड तैयार किए जाएंगे। इसमें 20 प्रतिशत खासतौर पर बच्चों के लिए होंगे।
साथ ही स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार ऑक्सीजन और दवाइयों के रखरखाव के लिए जिला स्तर पर सुविधाएं तैयार की जाएंगी। वहीं देश के 736 जिलों में पेडियेट्रिक केयर यूनिट बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है
खास बात ये भी है कि देश के हर जिला अस्पताल में 10000 लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता विकसित करने का भी फैसला किया गया है।
बता दें कि कैबिनेट विस्तार के तहत बुधवार को कई नए चेहरे शामिल किए गए। वहीं, कुछ राज्यमंत्रियों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इसके तहत बतौर स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से भी इस्तीफा लिया गया और मनसुख मंडाविया को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है।