उत्तराखंड: अब नहीं कर पाएंगे रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग, जानिए किसने लगाई रोक
By ऐश्वर्य अवस्थी | Updated: June 22, 2018 11:08 IST2018-06-22T09:47:43+5:302018-06-22T11:08:31+5:30
River Rafting & Paragliding Banned: नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार को रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और अन्य जल खेलों के लिए दो सप्ताह में उचित नियम और नीति बनाने के निर्देश दिए हैं।

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इस का फैसला वरिष्ठ न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के द्वारा लिया गया है। इस मामले पर हाल ही में ऋषिकेश निवासी हरिओम कश्यप ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर कर कहा था कि सरकार ने 2014 में भगवती काला व वीरेंद्र सिंह गुसाईं को राफ्टिंग कैंप लगाने के लिए कुछ शर्तों के साथ लाइसेंस दिया था।
लेकिन नियमों को नजरअंउत्तराखंड में रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग फिलहाल कोई नहीं कर पाएगा। नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार को रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और अन्य जल खेलों के लिए दो सप्ताह में उचित नियम और नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। जब तक नीति नहीं बन जाती इस तरह की प्रतिक्रियाओं पर रोक लगा दी गई है।दाज कर राफ्टिंग के नाम पर गंगा नदी के किनारे कैंप लगाने शुरू कर दिए। गंगा नदी के किनारे मांस मदिरा का सेवन, डीजे बजाना प्रचलित हो गया।इतना ही नहीं गंदा पानी और कूड़ा आदि भी नदी में डाला जा रहा है।ऐसे में अब सुनावाई कर आदेश दिए हैं कि वे नदी के किनारे उचित शुल्क के बिना लाइसेंस जारी नहीं कर सकती।
इतना ही नहीं कोर्ट ने सरकार को कहा है कि खेल गतिविधियों के नाम पर अय्याशी करने की स्वीकृति नहीं दी जा सकती। राफ्टिंग कैंपों के संचालन की नदी किनारे स्वीकृति देने से नदियों का पर्यावरण दूषित हो रहा है। कोर्ट ने सरकार को रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और अन्य जल खेलों के लिए उचित कानून बनाने का आदेश दिया है और अब जब तक नियम इस पर नहीं बनते कोई इस तरह का खेल नहीं किया जाएगा।