नायडू ने भारतीय भाषाओं की रक्षा में नवोन्मेषी, सहयोगपूर्ण प्रयासों का किया आह्वान

By भाषा | Updated: July 31, 2021 15:05 IST2021-07-31T15:05:02+5:302021-07-31T15:05:02+5:30

Naidu calls for innovative, collaborative efforts to protect Indian languages | नायडू ने भारतीय भाषाओं की रक्षा में नवोन्मेषी, सहयोगपूर्ण प्रयासों का किया आह्वान

नायडू ने भारतीय भाषाओं की रक्षा में नवोन्मेषी, सहयोगपूर्ण प्रयासों का किया आह्वान

हैदराबाद, 31 जुलाई उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारतीय भाषाओं की रक्षा तथा उनके पुनरुद्धार के लिये नवोन्मेषी तथा सहयोगात्मक प्रयास करने का शनिवार को आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि लोगों को भाषा की विरासत आने वाली पीढ़ियों को देने की कोशिश में एक साथ आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाषाओं की रक्षा करना तथा उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना केवल लोगों की गतिविधियों से ही संभव है।

नायडू मातृ भाषाओं की रक्षा पर तेलुगु कूटमी द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को डिजिटल तरीके से संबोधित कर रहे थे। एक भाषा को समृद्ध बनाने में अनुवाद की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए उन्होंने भारतीय भाषाओं में अनुवादों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार लाने के प्रयास बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने प्राचीन साहित्य को और सुलभ बनाने और युवाओं से सम्बद्ध बनाने का भी सुझाव दिया।

उपराष्ट्रपति ने ग्रामीण इलाकों की भाषा में चलन से बाहर हो रहे शब्दों तथा विभिन्न बोलियों के संकलन का सुझाव दिया ताकि उन्हें भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा सके। उन्होंने आगाह किया कि अगर किसी की मातृ भाषा खो जाती है तो उसकी आत्म-पहचान तथा आत्म-सम्मान भी खो जाएगा।

उन्होंने कहा, ''केवल हमारी मातृ भाषा को संरक्षित करके ही हम संगीत, नृत्य, नाटक, रीति-रिवाजों, उत्सवों, पारंपरिक ज्ञान की अपनी विरासत के विभिन्न पहलुओं की रक्षा कर सकते हैं।’’

इस मौके पर उन्होंने भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की उस पहल की प्रशंसा की, जिसमें उन्होंने 21 साल पुराने शादी के विवाद को आपसी सहमति से हल करते हुए महिला को अपनी मातृ भाषा तेलुगु में बात रखने की मंजूरी दी क्योंकि उसने अंग्रेजी में अच्छी तरह से बात करने में असमर्थता जतायी थी।

नायडू ने कहा कि यह मामला दिखाता है कि न्यायिक प्रणाली को अदालतों में लोगों को अपनी मातृ भाषाओं में समस्याएं रखने की अनुमति देने की जरूरत है तथा साथ ही क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले देने की भी आवश्यकता है।

उन्होंने प्राथमिक स्कूल स्तर पर मातृ भाषा में शिक्षा देने की महत्ता को दोहराया तथा साथ ही प्रशासन में भी मातृ भाषा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के लिए केंद्र सरकार की प्रशंसा की, जिसमें शिक्षा प्रणाली में मातृ भाषा के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है।

नायडू ने कहा कि फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों ने इंजीनियरिंग, औषधि और कानून जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मातृ भाषा का इस्तेमाल करने के साथ ही हर क्षेत्र में अंग्रेजी भाषी देशों की तुलना में अपने आप को साबित किया है।

उन्होंने भारतीय भाषाओं में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली को सुधारने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मातृ भाषा को अहमियत देने का मतलब अन्य भाषाओं को नजरअंदाज करना नहीं है।

उपराष्ट्रपति ने बच्चों को अधिक से अधिक भाषाएं सीखने के लिए भी प्रेरित किया, जिसकी शुरुआत अपनी मातृ भाषा को सीखने से होनी चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Naidu calls for innovative, collaborative efforts to protect Indian languages

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे