नायडू ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल के दौरान इसका दुरुपयोग रोकने के लिए संतुलन की वकालत की

By भाषा | Updated: February 12, 2021 22:22 IST2021-02-12T22:22:30+5:302021-02-12T22:22:30+5:30

Naidu advocated balance to prevent misuse during use of social media | नायडू ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल के दौरान इसका दुरुपयोग रोकने के लिए संतुलन की वकालत की

नायडू ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल के दौरान इसका दुरुपयोग रोकने के लिए संतुलन की वकालत की

नयी दिल्ली, 12 फरवरी उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के इस्तेमाल में संयम बरतने की अपील की ताकि इसके दुरुपयोग को रोका जा सके और किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने संबंधी विवादों से बचा जा सके।

उनकी यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब सरकार ने हाल ही में किसान आंदोलन के बारे में दुष्प्रचार और भड़काऊ बातें फैला रहे एकाउंट और हैशटैग के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने में ट्विटर के देरी करने पर ‘कड़ी नाराजगी’ प्रकट की थी।

राज्यसभा के सभापति नायडू ने पत्रकारों के एक समूह से अनौपचारिक चर्चा के दौरान तीन कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के आंदोलन का बातचीत के जरिए ‘जल्द समाधान’ निकालने को कहा।

उन्होंने कहा कि अड़ियल रवैया अपनाने से मुद्दों का समाधान नहीं निकलेगा।

किसान आंदोलन को लेकर कुछ ट्विटर एकाउंट को हटाने और कुछ को बहाल करने को लेकर जारी चर्चा का जिक्र करते हुए नायडू ने जोर देकर कहा कि बिना किसी को ठेस पहुंचाए सोशल मीडिया के इस्तेमाल का बेहतर तरीका यही है कि उपयोगकर्ता अपनी बात रखने में संतुलन के सिद्धांत को अपनाएं।

यह पूछे जाने पर कि संतुलन का उनका क्या तात्पर्य है, नायडू ने कहा कि किसी की भावना को ठेस ना पहुंचे इससे बचना चाहिए।

नायडू ने कहा कि वह सोशल मीडिया पर नियंत्रण के पक्ष में नहीं हैं लेकिन इस तरह के प्रभावशाली मंचों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए और सोशल मीडिया को युद्ध् के खतरे के स्थान के रूप में तब्दील करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि युद्ध सभी के लिए खतरनाक है।

उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया विषय वस्तु लिखे जाने के दौरान संयम और जिम्मेदारी बरती जानी चाहिए कि उसपर क्या प्रतिक्रिया हो सकती है। इससे ठेस पहुंचाने वाले विषय वस्तुओं में कमी आएगी। उकसाना इसका मकसद नहीं होना चाहिए। विचारों को बेहतर परिदृश्य में साझा किया जाना चाहिए।’’

किसानों के आंदोलन के बारे में उन्होंने कहा कि अड़ियल रवैया अपनाने से मुद्दों का समाधान नहीं निकलेगा और कोई भी पक्ष इस प्रकार का रवैया अपनाता है तो दूसरे पक्ष के विचार को समाहित करने में कठिनाई आती है।

उन्होंने कहा कि सरकार और किसान 11 दौर की वार्ता के बाद भी बातचीत करना चाहते हैं। इस मुद्दे के जल्द समाधान के लिए बातचीत को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

ज्ञात हो कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान पिछले दो महीने से अधिक समय से तीन कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।

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Web Title: Naidu advocated balance to prevent misuse during use of social media

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