नागपुरः अटका आउटर रिंग रोड निर्माण, नए टेंडर की तैयारी, कुल 119 किमी, जानें आखिर क्या है मामला
By वसीम क़ुरैशी | Published: August 18, 2021 08:07 PM2021-08-18T20:07:43+5:302021-08-18T20:18:42+5:30
ठेका कंपनी के काम की बेहद धीमी चाल की वजह से नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने 6 महीने पहले ठेका कंपनी काे टर्मिनेशन नाेटिस दिया था.
नागपुरः शहर के विकास के लिए जरूरी माने जाने वाले आउटर रिंग राेड का काम ठेका कंपनी काे दाे बार माेहलत दिए जाने के बाद भी पूरा नहीं हाे पाया है. इस कार्य काे जुलाई 2019 में ही पूर्ण हाे जाना था.
ठेका कंपनी के काम की बेहद धीमी चाल की वजह से नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने 6 महीने पहले ठेका कंपनी काे टर्मिनेशन नाेटिस दिया था. इस माेहलत की अवधि अगस्त में खत्म हाे रही है. यही वजह है कि एनएचएआई अब इस काम के लिए नए सिरे से टेंडर की तैयारी कर रहा है.
कुल 119 किमी लंबे के आउटर रिंग रोड (ओआरआर) में से शेष बचे 62 किमी के हिस्से में जामठा से फ्रेटी (पैकेज-1) और फ्रेट्री से धारगांव (पैकेज-2)तक दो भागों में काम विभक्त किया गया है. पैकेज-1 में 56 फीसदी और पैकेज-2 में 42 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है. फोर लेन वाली ओआरआर की सड़क कांक्रीट की बनाई जा रही है.
बीते 6 में पैकेज-1 के कार्य की प्रगति .438 प्रतिशत और पैकेज-2 की .16 प्र.श प्रतिदिन रही है. आधिकारिक सूत्राें के अनुसार ये प्रगति करीब 6 प्रतिशत रहनी थी. धीमे काम के लिए अक्सर कछुआ चाल की मिसाल दी जाती है लेकिन ये काम कछुए की चाल से भी धीमा रहा है. कुल मिलाकर ये किसी परियाेजना का मजाक बनने जैसा प्रतीत हाेता है.
जानकाराें के मुताबिक परियाेजना के लिए लाेन देने वाला बैंक भी इसी ठेके काे किसी नए ठेकेदार काे दे सकता है. इसके लिए वाे अतिरिक्त 90 दिन हासिल कर सकता है. यही वजह है कि एनएचएआई भी अपनी ओर से नए विकल्प की तैयारी में जुट गई है.
परियाेजना में किसकी कितनी राशि
-ठेका कंपनी ने एमईपी का लागत में 15% यानी 79.69 कराेड़.
-एनएचएआई के 214.40 कराेड़ रुपए.
-बैंक लाेन 238.95 कराेड़ रुपए.
-531 कराेड़ रुपए की परियाेजना में अब तक 498.2 कराेड़ रुपए खर्च हुए़.
नए टेंडर में बढ़ जाएगी लागत
सूत्राें के अनुसार परियाेजना के लिए नया टेंडर हाेने पर शेष कार्य की लागत भी करीब 500 कराेड़ रुपए तक हाेने के आसार हैं. इससे जाहिर हाे रहा है कि दाे साल के विलंब के बाद नए टेंडर के चलते परियाेजना की लागत करीब दाेगुनी हाे जाएगी. इन सब के बीच भारी वाहनाें शहर के बाहर से आवाजाही का मकसद पूरा नहीं हाे पा रहा है.
नए टेंडर की तैयारी
एनएचएआई मुख्यालय के निर्देश पर 6 महिने पहले ही बैंक काे टर्मिनेशन नाेट जारी किया गया था. अगस्त में ये अवधि पूर्ण हाे रही है. इसलिए अब नए टेंडर के लिए तैयारी की जा रही है. बैंक भी इसके लिए विकल्प (बैलेंस सब्स्टीट्यूट) तय कर सकता है. बैंक यदि टेंडर नहीं कर पाता ताे एनएचएआई नया टेंडर करेगी.
19 साल पहले तैयार हुआ था प्लान
बताया गया है कि पीडब्ल्यूडी ने वर्ष 2000 के करीब इस कार्य का प्लान तैयार किया था लेकिन वह कार्य नहीं करवा पाया. पहले ही से अधिग्रहित कर रखी गई जमीन के कारण एनएचएआई को इस काम के लिए कोई इंतजार नहीं करना पड़ा. प्लान में मामूली संशोधन के बाद काम को हरी झंडी दे दी गई. इसके बाद 42 किमी का रिंग रोड बनकर तैयार हुआ. संशोधन के बाद शेष 62.035 किमी का काम जनवरी 2017 से शुरू हुआ.