नागपुर मनपा के आयुक्त चर्चा दौरान सदन छोड़ कर चले गए, इतिहास में पहली बार...
By फहीम ख़ान | Published: June 20, 2020 04:16 PM2020-06-20T16:16:56+5:302020-06-20T19:47:29+5:30
के. टी. नगर कोविड सेंटर के मामले में कांग्रेस के हरीश गवालबंशी ने सवाल उठाया. संकुल की जगह पर हॉस्पिटल का काम करने पर विवाद हुआ. इस पर मनपा आयुक्त जवाब दे रहे थे. दयाशंकर तिवारी ने प्वाइंट ऑफ इंफॉर्मेशन में बोलने की मांग की.
नागपुरः सत्तापक्ष की आक्रामक भूमिका से नाराज नागपुर मनपा के आयुक्त तुकाराम मुंढे शनिवार को सदन की कार्रवाई छोड़ कर सभागृह से बाहर चले गए.
के. टी. नगर कोविड सेंटर के मामले में कांग्रेस के हरीश गवालबंशी ने सवाल उठाया. संकुल की जगह पर हॉस्पिटल का काम करने पर विवाद हुआ. इस पर मनपा आयुक्त जवाब दे रहे थे. दयाशंकर तिवारी ने प्वाइंट ऑफ इंफॉर्मेशन में बोलने की मांग की.
उनके तेवर आक्रामक थे. इस पर मनपा आयुक्त नाराज हो गए और सभा छोड़ कर जाने की बात कही. फिर गवालबंशी ने मनपा आयुक्त को तानाशाह और लोकतंत्र के खिलाफ बताया. उसके बाद मनपा आयुक्त उठकर सभागृह से बाहर चले गए. चर्चा है कि नागपुर मनपा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब मनपा आयुक्त सदन की कार्यवाही छोड़कर बाहर चले गए.
आयुक्त के इस व्यवहार से पार्षद नाखुश हुए और उन पर कार्रवाई की मांग की लेकिन महापौर संदीप जोशी ने लोकतंत्र और जनता की समस्याओं की दलील देते हुए आयुक्त मुंढे को फिर से सदन में बुलाने का प्रयास किया. अपर आयुक्त राम जोशी से फोन लगवाया, लेकिन आयुक्त नहीं आए.
उसके बाद सदन मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया. रेशिमबाग स्थित सुरेश भट सभागृह में आयोजित मनपा की आम सभा में महापौर जोशी ने प्रश्नकाल शुरू किया. कांग्रेस पार्षद हरीश ग्वालबंशी ने के.टी. नगर में कमर्शियल कॉम्प्लेक्स की जगह कोविड सेंटर बनाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने प्रशासन से सवाल किया कि जमीन उपयोग बदलने के अधिकार किसे हैं, मनपा सदन को या आयुक्त को?
प्रशासन की तरफ से जानकारी दी गई कि सदन की मंजूरी के बाद राज्य सरकार के पास प्रस्ताव दिया जाता है. उसके बाद कार्रवाई होती है. इस पर ग्वालबंशी ने कहा कि आयुक्त ने नियमों को ताक पर रखकर कोविड सेंटर बनाया है. आयुक्त जवाब दें. आयुक्त मुंढे जवाब देने के लिए खड़े हुए. उन्होंने के.टी. नगर में कोविड सेंटर की आवश्यकता की जानकारी देनी शुरू की.
इस पर भाजपा के वरिष्ठ पार्षद दयाशंकर तिवारी ने 'प्वाइंट ऑफ इन्फॉर्मेशन' में बोलने की मांग महापौर से की. इस पर आयुक्त अपना पक्ष रखते हुए बोलते रहे. तिवारी ने झल्लाकर फिर से महापौर से बोलने की अनुमति मांगी. तिवारी के व्यवहार से आयुक्त नाराज हुए. मुंढे ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर पार्षदों का व्यवहार ऐसा ही रहा तो वे सदन की कार्यवाही छोड़कर चले जाएंगे.
महापौर जोशी ने उन्हें बताया कि पार्षद का अधिकार है, इसी के तहत वे बोलने की मांग कर रहे हैं. आयुक्त शांत हो गए. कार्यवाही आगे बढ़ी. महापौर ने अंत में सभा मंगलवार तक के लिए स्थगित करने की घोषणा की. आयुक्त की नाराजगी का कारण ये रहा इसी बीच हरीश ग्वालबंशी आगे बोलने के लिए खड़े हुए.
उन्होंने आयुक्त की तरफ देखते हुए कहा कि आपका व्यवहार अंग्रेजों के समान है. तानाशाही पूर्ण रवैये की वजह से जनता परेशान है. उनके काम नहीं हो रहे. नियमों को ताक पर रखकर काम चल रहा है. पहली सभा में आपकी प्रशंसा की थी, लेकिन वह गलत था. आपका नाम संत तुकाराम के नाम पर है लेकिन आपका काम उनके समान नहीं है. यह सुनते ही आयुक्त नाराज हो गए और अपनी जगह से खड़े हुए. सदन से कहा कि मुझ पर गलत आरोप लग रहे हैं इसलिए सदन में रुक नहीं सकता.