मकान खाली नहीं करने के लिए चालाकी कर रहा था किराएदार, कोर्ट ने फटकार लगाकर याचिका की खारिज

By सौरभ खेकडे | Published: February 16, 2022 08:56 PM2022-02-16T20:56:23+5:302022-02-16T21:06:53+5:30

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने मामले में किराएदार को फटकार लगाते हुए याचिका खारिज कर दी. किराएदार दलील दे रहा था कि अब मकान मालिक का कोई भी सदस्य अब नागपुर नहीं आता है. ऐसे में किराएदार से मकान खाली नहीं करवाना चाहिए.

Nagpur bench of Bombay High Court slams tenant for manipulating for not vacating house | मकान खाली नहीं करने के लिए चालाकी कर रहा था किराएदार, कोर्ट ने फटकार लगाकर याचिका की खारिज

किराएदार और मकान मालिक के विवाद में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सुनाया फैसला (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsमामला लंबित रखने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहा था किराएदारहाईकोर्ट ने पकड़ ली चालाकी, फटकार लगा कर याचिका खारिज कीकहा मकानमालिक को ना सिखाए, संपत्ति का इस्तेमाल कैसे करना है

नागपुर: घर, दुकान या कोई जगह किराए पर देने के बाद कई बार किराएदार उसे खाली नहीं करता. देश की विविध अदालतों में इस प्रकार के अनेकों मामले लंबित है. कई मामलों में तो पक्षकार द्वारा न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग होता नजर आता है. 

नई-नई याचिका और अर्जी अदालत में दायर की जाती है, जिससे मुकदमे दशकों तक लंबित रहते हैं. ऐसे ही एक मामले में बंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने किराएदार की चालाकी पकड़ ली. ना केवल किराएदार, बल्कि उसके वकील को भी कड़ी फटकार लगा कर याचिका खारिज कर दी. 

मकान मालिक नागपुर नहीं आता...

यह किराएदार हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में दलील दे रहा था कि मकान मालिक का परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध है और अब उनका कोई भी सदस्य नागपुर नहीं आता है. ऐसे में किराएदार से मकान खाली नहीं करवाना चाहिए. लेकिन न्यायमूर्ति रोहित देव की खंडपीठ ने किराएदार और उसके वकील को ऐसी बचकानी दलीलों के लिए आड़े हाथों लिया. 

अदालत ने दो टूक कहा दिया कि किराएदार अपने मकान मालिक को न सिखाए कि वह अपनी संपत्ति का उपयोग कैसे करता है. 

हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी दलीलों से तो यह सिद्ध होता है कि याचिकाकर्ता और उसका वकील कितनी लापरवाही के साथ हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ रहे हैं. बगैर तथ्यों की इस याचिका से तो यही सिद्ध होता है कि याचिकाकर्ता केवल मामले को लंबित रखने के लिए इस तरह के पैंतरे आजमा रहे हैं.

बयान बदलने की अनुमति मांगी थी

नागपुर के टेलिफोन एक्सचेंज चौक स्थित मकानमालिक ने अपने ही किराएदार के खिलाफ निचली अदालत में ‘इविक्शन’ का मुकदमा दायर कर रखा है. निचली अदालत में मुकदमा काफी आगे बढ़ चुका है. मकानमालिक और किराएदार के बयान दर्ज हो चुके हैं. अब किराएदार को अपना बयान बदलने की इच्छा हुई. 

उसने निचली अदालत में अर्जी दायर की, तो निचली अदालत ने उसे खारिज कर दिया. जिसके बाद किराएदार ने हाईकोर्ट की शरण ली थी.

Web Title: Nagpur bench of Bombay High Court slams tenant for manipulating for not vacating house

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