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नागालैण्ड गोलीबारी: आदिवासियों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन निकाला, कहा- अमित शाह ने संसद में झूठा बयान दिया, माफी मांगें

By विशाल कुमार | Updated: December 12, 2021 08:06 IST

आदिवासियों ने गृहमंत्री अमित शाह पर संसद में झूठा और भ्रामक बयान देने के लिए माफी की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जताने के लिए गृहमंत्री का पुतला जलाया।

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ठळक मुद्देशनिवार को मोन जिले के लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए बड़े पैमाने पर रैली निकाली।उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह पर संसद में झूठा और भ्रामक बयान देने के लिए माफी की मांग की।प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जताने के लिए गृहमंत्री का पुतला जलाया।

कोहिमा: नागालैण्ड में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में 13 निर्दोष नागरिकों को मारे जाने के विरोध में शनिवार को मोन जिले के लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए बड़े पैमाने पर रैली निकाली।

इस दौरान उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह पर संसद में झूठा और भ्रामक बयान देने के लिए माफी की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जताने के लिए गृहमंत्री का पुतला जलाया।

प्रदर्शनकारियों में मारे गए 14 लोगों में से 12 के गांव ओटिंग के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल थे. इनका नेतृत्व आदिवासियों का एक शीर्ष संगठन ‘कोन्याक यूनियन’ कर रहा था।

‘कोन्याक यूनियन’ ने मांग की कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह माफी मांगें और संसद में दिया अपना कथित ‘भ्रामक’ बयान वापस लें। यूनियन ने इसके साथ ही ‘गलत पहचान’ और सुरक्षा बलों द्वारा ‘आत्मरक्षा’ में आम लोगों पर गोली चलाने के तर्क को भी खारिज किया। 

शाह ने घटना का ब्यौरा देते हुए संसद में कहा था कि 4 दिसंबर को नगालैंड के मौन जिले में भारतीय सेना को उग्रवादियों की आवाजाही की सूचना मिली थी और उसके 21वें पैरा कमांडो ने इंतजार किया। 

उन्होंने कहा था कि शाम को एक वाहन उस स्थान पर पहुंचा और सशस्त्र बलों ने उसे रोकने का संकेत दिया लेकिन वह नहीं रूका और आगे निकलने लगा। शाह ने कहा था कि इस वाहन में उग्रवादियों के होने के संदेह में इस पर गोलियां चलायी गयीं जिसमें वाहन पर सवार 8 में से छह लोग मारे गए। शाह ने कहा कि बाद में इसे गलत पहचान का मामला पाया गया। सेना इस घटना में घायल दो लोगों को पास के चिकित्सा केंद्र ले गई।

कोन्याक यूनियन के प्रवक्ता टी. यानलेम ने कहा कि ‘आत्मरक्षा’ में गोली चलाने का सवाल ही नहीं है क्योंकि उस घटना में मारे गए लोग निहत्थे थे। 21 पारा कमांडो ने बिना कुछ आकलन किए बड़ी गलती की। उन्होंने छह युवा लड़कों को मार दिया..वे निर्दोष ग्रामीण थे जो घर लौट रहे थे।’

यूनियन की एक अन्य प्रवक्ता इंग्फे कोन्याक ने कहा, ‘शाह का संसद में ‘भ्रामक बयान’ ‘शर्मनाक’ है।’ उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बिना तथ्यों को जांचे ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं? वह इतने गलत कैसे हो सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि शाह को कोन्याक और नागालैण्ड के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।

टॅग्स :नागालैंडअमित शाहArmyसंसदमोदी सरकार
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