नगालैंड गोलीबारी: ओटिंग ग्रामीणों का आरोप,सुरक्षा बलों ने मृतकों को उग्रवादी बताने की कोशिश की

By भाषा | Updated: December 8, 2021 20:37 IST2021-12-08T20:37:07+5:302021-12-08T20:37:07+5:30

Nagaland firing: Oting villagers allege, security forces try to describe the dead as militants | नगालैंड गोलीबारी: ओटिंग ग्रामीणों का आरोप,सुरक्षा बलों ने मृतकों को उग्रवादी बताने की कोशिश की

नगालैंड गोलीबारी: ओटिंग ग्रामीणों का आरोप,सुरक्षा बलों ने मृतकों को उग्रवादी बताने की कोशिश की

कोहिमा, आठ दिसंबर नगालैंड में पैरा कमांडों की गोलीबारी में 13 ग्रामीणों की मौत के चार दिन बाद राज्य के मोन जिले के ओटिंग गांव का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘ओटिंग सिटिजन्स ऑफिस’ ने बुधवार को आधिकारिक दावे को खारिज करते हुए आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने शवों को छुपाने की कोशिश की और उन्हें उग्रवादी दिखाने के लिए उन्हें वर्दी पहनाई।

‘ओटिंग सिटिजन्स ऑफिस’ ने इन मौतों को ‘निर्मम हत्या’ बताते हुए दावा किया कि सबसे पहले गाड़ी के चालक को निशाना बनाकर गोली मारी गई जो शीशे को भेदती हुई उसे लगी। कोहिमा में सेना के प्रवक्ता से इन आरोपों पर प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क की कोशिश की गई लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।

बहरहाल, सोमवार को सरकार ने एक बयान में बताया था कि मोन जिले में तिरू गांव के पास उग्रवादियों की आवाजाही की सूचना भारतीय सेना को मिली थी जिसके बाद पैरा कमांडो की टीम ने शनिवार को घात लगाया था जिस दौरान एक गाड़ी आते दिखी और उसे रुकने का इशारा किया गया। बहरहाल, गाड़ी को तेज भगाने की कोशिश पर उसमें उग्रवादियों के सवार होने के संदेह में उसपर गोलीबारी की गई और इसमें गाड़ी में सवार आठ में से छह लोगों की मौत हो गई। बहरहाल यह गलत पहचान का मामला है।

ओटिंग ग्रामीणों ने एक बयान में कहा कि चार दिसंबर को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे एक पिक-अप ट्रक से आठ कोयला खनिक वापस आ रहे थे। उसमें कहा गया है कि करीब साढ़े चार बजे सुरक्षा बलों ने किसी भी यात्री के बारे में कुछ जाने बिना उस पिक-अप ट्रक पर घात लगाकर हमला कर दिया।

बयान के मुताबिक, इसके बाद सुरक्षा बलों ने सभी गाड़ियों के लिए सड़कों को बंद कर दिया और यातायात का मार्ग बदल दिया और ग्रामीण पिक-अप ट्रक के लौटने का इंतजार करते रहे।

‘ओटिंग सिटिजन्स ऑफिस’ ने दावा किया कि रात करीब आठ बजे ग्रामीण खोज के लिए निकले तो उन्हें पिक-अप ट्रक खाली मिला और इसके सामने वाले शीशे (विंडशील्ड) पर गोली लगने का निशाना था जो सीधा चालक की ओर जाता था और लड़के गाड़ी से लापता थे।

बयान में आरोप लगाया गया है कि शीशे पर गोली का निशान साफ इशारा करता है कि उन्होंने सबसे पहले गाड़ी को रुकवाने के लिए चालक को गोली मारी है और बाद में अन्य पर हमला किया।

ग्रामीणों ने दावा किया कि उन्होंने बाइकों पर सुरक्षा बलों की तीन गाडियों का पीछा किया और उन्हें रोका। सुरक्षा कर्मियों ने लापता लड़कों की जानकारी होने से इनकार किया। हालांकि खोज में छह लापता खनिक तिरपाल में मिले और वे अर्धनगन थे और मृत पड़े थे।

‘ओटिंग सिटिजन्स ऑफिस’ ने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने इन लड़कों को उग्रवादी के तौर पर पेश करने की कोशिश की और इसके लिए उन्होंने वहां हथियार रखे और वर्दी और जूते पहनाए।

ग्रामीणों और सुरक्षा बलों के बीच तीखी बहस के बाद हाथापाई होने लगी। ग्रामीणों का आरोप है कि सैन्य कर्मियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी जिसमें कई लोग मर गए और कुछ अन्य जख्मी हो गए।

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Web Title: Nagaland firing: Oting villagers allege, security forces try to describe the dead as militants

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