नगालैंड: मुख्यमंत्री ने कहा कि नया समझौता होता है तो यह नयी उपलब्धि होगी
By भाषा | Updated: November 9, 2021 20:40 IST2021-11-09T20:40:05+5:302021-11-09T20:40:05+5:30

नगालैंड: मुख्यमंत्री ने कहा कि नया समझौता होता है तो यह नयी उपलब्धि होगी
(शीर्षक और इंट्रो में सुधार के साथ रिपीट)
कोहिमा, नौ नवंबर नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने मंगलवार को कहा कि केंद्र और जटिल नगा मुद्दे के समाधान के लिए वार्ता में शामिल किसी भी समूह के बीच किसी नए समझौते पर हस्ताक्षर होते हैं तो यह नयी उपलब्धि (रिपीट उपलब्धि) होगी और राज्य ‘बहुत बहुत खास’ बन जाएगा।
केंद्र सरकार 1997 से एनएससीएन (आईएम) और 2017 से नगा नेशनल पॉलिटकल ग्रुप (एनएनपीजी) के साथ अलग अलग बातचीत कर रही है। एनएनपीजी में सात समूह हैं।
एक आधिकारिक कार्यक्रम के इतर रियो ने पत्रकारों से कहा, “ वार्ता जारी है। वे बातचीत करने वाले पक्ष हैं और मैं नहीं कह सकता हूं कि क्या होने जा रहा है या क्या हो रहा है। यह उन पर है कि वे (मुद्दे पर कुछ) कहें।”
बहरहाल, उन्होंने कहा कि एनएससीएन (आईएम) के साथ फ्रेमवर्क समझौता होना या एनएनपीजी के साथ सहमत स्थिति का मतलब नगा लोगों की विशिष्टता, इतिहास, संस्कृति और परंपरा की रक्षा करने के तरीके के बारे में एक प्रणाली तैयार करना है।
केंद्र सरकार और एनएससीएन (आईएम) ने 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जबकि एनएनपीजी ने नवंबर 2017 में केंद्र के साथ सहमत स्थिति पर हस्ताक्षर किए थे।
रियो ने कहा, “हमारे साथ और भी बहुत सी नई चीजें जोड़ी जाएंगी और अगर कोई समझौता होता है तो हम एक बहुत ही खास राज्य होंगे।”
फ्रेमवर्क समझौता 18 साल में 80 से ज्यादा दौर की बातचीत के बाद हुआ था। पहली सफलता 1997 में तब मिली थी जब दशकों के विद्रोह के बाद संघर्षविराम समझौता हुआ था। नगालैंड में 1947 में भारत को आजादी मिलने के थोड़े समय बाद ही विद्रोह शुरू हो गया था।
एनएससीएन (आईएम) और केंद्र के बीच बातचीत रुक गई थी, क्योंकि एनएससीएन (आईएम) ने तत्कालीन वार्ताकार आर एन रवि के साथ 31 अक्टूबर 2019 के बाद से बातचीत करने से मना कर दिया था।
नगा के लिए अलग झंडा और संविधान की अपनी मांग पर एनएससीएन (आईएम) के अड़े रहने की वजह से कोई अंतिम समाधान हासिल नहीं हुआ है, जिसे केंद्र ने खारिज कर दिया है।
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