नई दिल्ली, 26 जुलाई: बिहार के मुजफ्फरपुर के एक शेल्टर होम में 29 बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कड़ी आलोचन झेल रहे हैं। देशभर में लोगों इस मुद्दे पर उनकी चुप्पी को लेकर सवाल उठा रहे हैं। विपक्ष ने भी काफी हमलावार रूख अख्तियार कर लिया है। चारों तरफ से हुई कड़ी आलोचना के बाद अब जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दों पर एक्शन लिया है। नीतीश कुमार ने राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव गृह और डीजीपी को ये आदेश दिया है कि ये केस सीबीआई को सौंपा जाया।
वहीं इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियां खूब हंगामा कर रही हैं। बिहार विधानसभा के बाहर राजद के विधायकों ने बैनर-पोस्टर के साथ प्रदर्शन किया है।
दरअसल, हाल ही में मुम्बई की संस्थान टाटा साइंस ऑफ इंस्टीट्यूट ने बिहार के शेल्टर होम को लेकर एक ऑडिट रिपोर्ट पेश किया था। जिसमें इस बात का खुलासा हुआ था कि मुजफ्फरपुर के बालिक गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण किया गया है। फिर लड़कियों की मेडिकल जांच कराई गई, जिसमें 29 लड़कियों के साथ यौन शोषण की बात की पुष्टि हुई। मामला बढ़ने के बाद राज्य के समाज कल्याण विभाग 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। जिसमें से दस गिरफ्तार हो चुके हैं, एक आरोपी अब भी फरार है।
बता दें कि राजद नेता तेजस्वी यादव लगातार इस मुद्दे पर सीएम नीतीश को निशाना बनाया हुए हैं। साथ ही वो सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे।
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