मुजफ्फरपुर की दुष्कर्म पीड़िता की मौत, 2 डॉक्टरों पर कार्रवाई, एक को निलंबित तो दूसरे को हटाया, एक्शन में नीतीश सरकार
By एस पी सिन्हा | Updated: June 3, 2025 18:41 IST2025-06-03T18:39:40+5:302025-06-03T18:41:23+5:30
आरोप है कि पीड़िता के इलाज और रेफरल के दौरान जरुरी गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। फिलहाल, डा. कुमारी विभा को अब पटना स्वास्थ्य विभाग में अटैच किया गया है।

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पटनाः बिहार के मुजफ्फरपुर की दुष्कर्म पीड़िता लड़की की इलाज में लापरवाही बरतने के मामले में नीतीश सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। इस मामले में दोषी पाए गए पीएमसीएच के प्रभारी उपाधीक्षक डा० अभिजीत सिंह को सरकार ने पद से हटा दिया है तो वहीं मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच की अधीक्षक डॉक्टर कुमारी बिभा को निलंबित कर दिया है। पीड़िता को इलाज के लिए एसकेएमसीएच से पीएमसीएच लाया गया था। आरोप है कि पीड़िता के इलाज और रेफरल के दौरान जरुरी गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। फिलहाल, डा. कुमारी विभा को अब पटना स्वास्थ्य विभाग में अटैच किया गया है।
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि "दिनांक 01.06.2025 को नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की हुई मृत्यु का मामला संज्ञान में आया है। इस संबंध में विस्तृत जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि प्रभारी उपाधीक्षक, पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल द्वारा अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया गया।
जो उनकी प्रशासनिक विफलता का परिचायक है। ऐसे में डा० अभिजीत सिंह, प्रभारी उपाधीक्षक, पी०एम०सी०एच०, पटना को तत्काल प्रभाव से प्रभारी उपाधीक्षक, पी०एम०सी०एच०, पटना के पद से मुक्त किया जाता है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच में तैनात डॉक्टर कुमारी बिभा को निलंबित कर दिया है।
विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि, 01 जून 2025 को नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की हुई मृत्यु का मामला संज्ञान में आया है। इस संबंध में विस्तृत जांच की जा रही है। प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि अधीक्षक, श्री कृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, मुजफ्फरपुर द्वारा रेफरल पॉलिसी का अनुपालन नहीं किया गया एवं अपने कर्तव्यों का सही तरीके से निर्वहन नहीं किया गया है।
साथ ही पीड़िता के इलाज में घोर संवेदनहीनता बरती गई है। इन तथ्यों के आलोक में डा० कुमारी बिभा को बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली-2005 के नियम-9 के संगत प्रावधानों के तहत् तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक निलंबित किया जाता है। जांच प्रतिवेदन के आलोक में अलग से आरोप पत्र गठित करने की कार्रवाई की जायेगी। निलंबन अवधि में डॉ० कुमारी बिभा का मुख्यालय स्वास्थ्य विभाग, बिहार, पटना निर्धारित किया जाता है।
पीएमसीएच में कथित लापरवाही के कारण हुई दुष्कर्म पीड़िता की मौत पर मचे सियासी बवंडर के बीच स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दिया जांच का आदेश
पटना के सबसे बडे अस्पताल पटना मेडिकल कालेज (पीएमसीएच) में इलाज के अभाव में मुजफ्फरपुर की रहने वाली दुष्कर्म पिडिता की हुई मौत को लेकर उठ रहे सवालों के बीच बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने तीन दिन बाद मंगलवार को पूरे मामले पर संज्ञान लिया। पूरे मामले में उन्होंने कहा कि घटना को लेकर एक ओर जहां पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है।
वहीं दूसरी ओर उसके उपचार से जुड़े मामले में भी उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की है। पूरे मामले की जांच के लिए तीनों निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं के नेतृत्व में जांच समिति गठित की गई है। यह समिति मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच और पटना के पीएमसीएच में सारी जानकारी लेगी। जो भी इस मामले में दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी।
मंगल पांडेय ने कहा कि मामले के आरोपित की मुजफ्फरपुर में गिरफ्तारी हुई है। मुजफ्फरपुर एसएसपी ने बताया है कि 15 दिनों के भीतर स्पीडी ट्रायल चलाकर सख्त सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वे पटना से बाहर थे। रात में लौटने के बाद ही उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली। साथ ही तीनों निदेश प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ आरएन चौधरी, डॉ बीके सिंह और डॉ प्रमोद कुमार के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई है। एक टीम मुजफ्फरपुर जाएगी और एक टीम पटना में पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेगी।
रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, मुजफ्फरपुर की दुष्कर्म पीड़िता की पीएमसीएच में मौत हो गई थी। बच्ची को जब मुजफ्फरपुर से पीएमसीएच पटना लाया जाता है तो उसे करीब चार घंटे तक एंबुलेंस में ही रखा जाता है, उसे अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं कराया जाता है। इस कारण बिहार की नीतीश सरकार विपक्ष के निशाने पर है।
वहीं मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग भी की जा रही है। कांग्रेस ने जहां इस मामले में प्रदर्शन किया। वहीं राजद की ओर से भी इसे राज्य की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का उदाहरण बताया। जन सुराज ने भी इसे बिहार में बढ़ती अराजकता और सरकार की संवेदनशीलता कहा।
विपक्ष का आरोप है कि पहले बच्ची के साथ दुष्कर्म होता है, जिससे पता चलता है कि सरकार का राज्य की कानून व्यवस्था पर कोई नियंत्रण नहीं है और फिर समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण बच्ची की मौत हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की हकीकत जनता के सामने आ गई है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बच्ची जब पीएमसीएच पटना पहुंचती है तो उसे करीब चार घंटे तक एंबुलेंस में ही रखा जाता है।
उसे अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं कराया जाता है। उल्लेखनीय रविवार की देर शाम के पीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉक्टर अभिजीत ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि बच्ची की हालत पहले से ही नाजुक थी और उसे गंभीर स्थिति में पीएमसीएच लाया गया था। डॉक्टरों की पूरी टीम रातभर इलाज में जुटी रही।
लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका। हालांकि, पीएमसीएच के अधिकारी की दलील से इतर परिजनों के आरोप बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही और असंवेदनशीलता के मामले कई सवाल खड़े कर रहे हैं। अब जबकि सियासत गर्म हुई तो स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी एक्शन लेने की बात कही है।
बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के पीए पर लगाया सरकारी अस्पतालों में बेड बेचने का आरोप, कहा-कमीशन मंत्री तक को जाता है
बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को बिहार के स्वास्थ्य महकमे पर यह बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्थिति है कि मरीजों को बेड भले ही समय पर नहीं मिलता हो, लेकिन मंत्री का पीए उसी बेड को बेच देते हैं। उन्होंने यहां तक दावा किया कि बेड का कमीशन मंत्री तक भी जाता है।
तेजस्वी का यह बयान उस घटना के बाद आया है जिसमें मुजफ्फरपुर की एक नाबालिग दलित लड़की के बलात्कार के बाद उसे पटना के पीएमसीएच में चार घंटे तक बेड नहीं मिलने और बाद में उसकी मौत होने से स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली पर सवाल उठ रहे हैं। तेजस्वी ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर निशाना साधते हुए कहा कि पटना के अईजीआईएमएस में जाकर देखें, कैसे मंत्री जी के सचिव बेड बेचते हैं।
बिहार में लड़कियों के साथ बढ़ते अपराध और विशेषकर बलात्कार जैसी घटना को कानून व्यवस्था की जर्जर स्थिति बताते हुए उन्होंने कहा कि मुजफ़्फ़रपुर में पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ, यह वही मुजफ़्फ़रपुर है जहां पर बालिका गृह कांड हुआ था। केवल मुजफ़्फ़रपुर ही नहीं सीतामढ़ी में भी ऐसी घटनाएं देखने को मिली।
वहीं, बिहार में बढ़ते अपराध की घटनाओं को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए उन्होंने पूछा कि सरकार कौन सा नशा कर के सो रही है? हमें पता नहीं कि सरकार कौन से नशे में है और कौन सा नशा कर के सरकार सो रही है। पूरे बिहार मे अराजक स्थिति है और अपराधी बेलगाम हो चुके हैं।
लॉ एंड ऑर्डर देखने वाला कोई नहीं है और पुलिस वसूली में लगी हुई है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री हों या दो-दो उपमुख्यमंत्री हों उनको सिर्फ कुर्सी से मतलब है, ना कि उन्हें बिहार और बिहारियों से मतलब है। राज्य में हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएं हो रही हैं। तेजस्वी ने कहा कि लोगों को समझना होगा कि अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी अचेत अवस्था में हैं।
ये नीति आय़ोग की बैठक में भी नहीं जाते हैं सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होते हैं। इनको बिहार और बिहारियों से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार के अलग मामले चल रहे हैं, जिसकी सीबीआई और ईडी जांच कर रही है। बिहार में पूरी तरह से अलग तरह का माहौल हो गया है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि कुछ दिन पहले ही हमको चुनौती दिया जा रहा था कि मैदान में आकर हमसे फरिया लीजिए, तो वे सिर्फ एक सवाल का जवाब दे दें कि 11 साल की बच्ची को बेड क्यों नहीं मिली? अस्पताल में भी जाते हैं तो क्रिकेट का स्कोर पूछते हैं।