भारत और चीन के बीच थमने लगा है विवाद, पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों से पीछे हटीं दोनों देशों की सेना

By सुमित राय | Published: June 9, 2020 05:45 PM2020-06-09T17:45:42+5:302020-06-09T18:18:42+5:30

सरकारी सूत्रो के अनुसार पूर्वी लद्दाख में गलवान क्षेत्र समेत तीन जगहों से भारत और चीन की सेनाएं पीछे हट गई हैं।

Mutual disengagement of Indian and Chinese troops begins, says Government Sources | भारत और चीन के बीच थमने लगा है विवाद, पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों से पीछे हटीं दोनों देशों की सेना

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं पीछे हटने लगी हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsभारत और चीन के बीच पिछले महीने से जारी सीमा गतिरोध थमता नजर आ रहा है।सरकारी सूत्रों के अनुसार पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों से भारतीय और चीनी सैनिक पीछे हट गई हैं।लद्दाख में वास्तवित नियंत्रण रेखा से सटे कुछ क्षेत्रों में चीन के साथ बीते 5 मई से तनाव की स्थिति शुरू हुई थी।

पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास भारत और चीन के बीच पिछले महीने से जारी सीमा गतिरोध थमता नजर आ रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों से भारतीय और चीनी सैनिक पीछे हट गई हैं। सूत्रों का कहना है कि चीन की पीपुल्स लिबेरशन आर्मी ने सेना और वाहनों को पीछे कर लिया है, जबकि भारत ने भी अपने कुछ सैनिकों की वापसी की है।

भारत और चीन के बीच शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की हुई बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं। बुधवार को पूर्वी लद्दाख के 'हॉट स्प्रिंग्स' क्षेत्र में दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की बातचीत फिर होनी है।

हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन पूर्वी लद्दाख के गालवान इलाके में तैनात सैनिकों को हटा रहा है और साथ ही पैंगोंग त्सो सेक्टर से भी सैनिकों को बाहर निकाल रहा है, जहां वह एक महीने से भारतीय सेना के साथ गतिरोध जारी थी।

शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने कहा कि चीनी पक्ष ने सैनिकों को वापस लेने की प्रक्रिया कल से शुरू हो गई थी। सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, "हमने भी अपने सैनिकों को वापस कर लिया है। गतिरोध वाले स्थानों पर पूर्व की तरह यथास्थिति बहार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।"

चीन और भारत के बीच सीमा को लेकर क्या विवाद है?

भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है। दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है।

भारत और चीन के बीच लद्दाख में LAC के पास 5 मई से तनाव की स्थिति शुरू हुई थी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
भारत और चीन के बीच लद्दाख में LAC के पास 5 मई से तनाव की स्थिति शुरू हुई थी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्या है भारत और चीन के बीच लद्दाख में ताजा विवाद

बता दें कि चीन द्वारा पैंगोंग सो इलाके के फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक महत्वपूर्ण सड़क निर्माण का तीखा विरोध मौजूदा गतिरोध के शुरू होने की वजह है। इसके अलावा चीन द्वारा गलवान घाटी में दरबुक-शायोग-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक सड़क के निर्माण के विरोध को लेकर भी गतिरोध है। पैंगोंग सो में फिंगर क्षेत्र में सड़क को भारतीय जवानों के गश्त करने के लिहाज से अहम माना जाता है। भारत ने पहले ही तय कर लिया है कि चीनी विरोध की वजह से वह पूर्वी लद्दाख में अपनी सीमावर्ती आधारभूत परियोजनाओं को नहीं रोकेगा।

लद्दाख में वास्तवित नियंत्रण रेखा (LAC) से सटे कुछ क्षेत्रों में चीन के साथ बीते 5 मई से तनाव की स्थिति शुरू हुई थी। पांच मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो क्षेत्र में लगभग 250 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों और डंडों के साथ झड़प हुई थी। इसमें दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे। इसके बाद चीनी सैनिक 9 मई को सिक्किम के नाकू ला में भी भारतीय सैनिक के साथ उलझ गए थे। उस झड़प में दोनों ओर से करीब 10 सैनिकों को चोटें आई थीं।

विवाद शुरू होने के बाद सीमा पर दोनों पक्षों ने बढ़ा दी थी तैनाती

सैनिकों की झड़प के बाद दोनों पक्षों ने लद्दाख में जवानों की तैनाती बढ़ा दी थी। उपग्रह से ली गई तस्वीरों में नजर आया था कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के अपनी तरफ के क्षेत्र में सैन्य आधारभूत ढांचे में महत्वपूर्ण रूप से इजाफा किया था, जिसमें पैंगोंग सो इलाके से 180 किलोमीटर दूर सैन्य हवाईअड्डे का उन्नयन भी शामिल था।

चीनी सेना एलएसी के निकट अपने पीछे के सैन्य अड्डों पर रणनीतिक रूप से जरूरी चीजों का भंडारण भी किया था, जिनमें तोप, युद्धक वाहनों और भारी सैन्य उपकरणों आदि को वहां पहुंचाना शामिल है। चीन ने उत्तरी सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कुछ क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा दी थी, जिसके बाद भारत भी अतिरिक्त सैनिकों को भेजकर अपनी उपस्थिति बढ़ाया था। 

Web Title: Mutual disengagement of Indian and Chinese troops begins, says Government Sources

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