दिल्ली: अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष और मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि मुसलमान उनके लिए अछूत नहीं हैं। अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने सोमवार को कहा कि हिंदुत्व उनकी पार्टी का मुद्दा ही नहीं है और न ही वो कभी मुसलमानों को अछूत मानती हैं।
केंद्रीय मंत्री पटेल ने कहा कि अपना दल सामाजिक न्याय के किसी भी पक्ष के साथ खड़े होने के लिए हमेशा तैयार रहता है। एनडीए गठबंधन की मजबूत स्तंभ कही जाने वाली अनुप्रिया पटेल ने कहा कि अपना दल (एस) भाजपा की विचारधारा से अलग सोच रखती है और उसे किसी भी समुदाय या धर्म से कोई परहेज नहीं है।
अनुप्रिया पटेल ने कहा, "लोग मुझसे हिंदुत्व और उससे जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछते हैं लेकिन मैं उन सभी मुद्दों से खुद को दूर रखती हूं और मेरी पार्टी धर्म की राजनीति नहीं करती है। हमारी पार्टी का एकमात्र मकसद है कि हम सामाजिक न्याय के लिए मजबूती से खड़े हैं और यही हमारी विचारधारा भी है।"
पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपना खासा रसूख रखने वाली अनुप्रिया पटेल ने इसके साथ यह भी कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि हाशिए पर पड़े कमजोर वर्गों के लिए काम करें। हम समाजिक समस्याओं के लिए चाहे सड़क पर या फिर संसद में, कहीं भी संघर्ष करने के लिए हमेशा तैयार हैं। यही हमारी पार्टी का दर्शन है और यही सिद्धांत भी है।
इस बार के यूपी चुनाव में अपनी पार्टी की ओर से पहली बार मुसलमान प्रत्याशी खड़ा करने पर अनुप्रिया पटेल ने बड़े ही साफगोई से कहा कि "मुझे नहीं पता कि हर कोई एक उम्मीदवार को धर्म की नजर से क्यों देख रहा है। वह एक होनहार शिक्षित युवा है। वो जनता के लिए संघर्ष कर सकते हैं। इसलिए हमारी पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है।"
मालूम हो कि अपना दल (एस) ने इस बार रामपुर से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ हैदर अली को उतारा है, जो कांग्रेस की दिग्गज नेता बेगम नूर बानो के पोते हैं।
अनुप्रिया पटेल ने अपने पिता का जिक्र करते हुए कहा कि जब पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल जीवित थे, उस समय भी हमारी पार्टी से जो पहले एमएलए चुने गये थे वो प्रतापगढ़ सदर क्षेत्र से हाजी मुन्ना थे।
उन्होंने कहा कि अपना दल (एस) के प्रदेश अध्यक्ष तक मुसलमान रहे हैं उसके बाद भी हमसे ये सवाल किया जा रहा है। इसलिए मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी पार्टी के लिए मुसलमान न अछूत हैं, न थे और न कभी रहेंगे।