पटना: लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर बाजारों में रौनक दिखने लगी है। छठ पर्व में मिट्टी के चूल्हे का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा में छठ महापर्व का प्रसाद मिट्टी के नए चूल्हे पर ही तैयार किया जाता है। ऐसे में पटना की सड़कों पर छठ महापर्व को लेकर के मिट्टी का चूल्हा बनना शुरू हो गया है। पटना के वीरचंद पटेल पथ पर लगभग 30 से 40 की संख्या में मुस्लिम महिलाएं हिंदुओं के महापर्व छठ के लिए मिट्टी का चूल्हा बनाती हैं।
छठ नजदीक आने के साथ ही महिलाएं अब चूल्हा तैयार करने के काम में लग गई हैं। मिट्टी का चूल्हा निर्माण करने वाली महिलाओं को इस बार चूल्हे के बाजार से काफी उम्मीदे भी हैं। मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि 300 रुपये तक बड़ा चूल्हा बिकने की उम्मीद है और 150 रुपये तक छोटा चूल्हा बिकने की उम्मीद है। मुस्लिम महिलाओं ने बताया कि पिछले कई वर्षों से हर साल छठ पर्व के लिए मिट्टी के चूल्हे बनाती हैं।
इस दौरान साफ सफाई का काफी ध्यान भी रखा जाता है, क्योंकि इनको पता है कि छठ पर्व में शुद्धता का कितना ध्यान रखा जाता है। वहीं मुस्लिम महिलाओं के पति ने कहा कि जब उनकी मां थी तो वह छठ पर्व किया करती थी और अभी भी उनके मोहल्ले में कई मुस्लिम परिवार छठ पर्व करते हैं। वीरचंद पटेल पथ के 500 मीटर से अधिक दूरी तक सड़क किनारे फुटपाथ पर हजारों मिट्टी के चूल्हे बन कर तैयार हो गए हैं।
महिलाएं प्रतिदिन 20 से 30 की संख्या में नए मिट्टी के चूल्हे को तैयार कर रही हैं। एक और यह मुस्लिम महिलाएं छठ महापर्व के लिए मिट्टी का चूल्हा तैयार कर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल कायम करती हैं तो वहीं दूसरी तरफ चूल्हा बेचकर अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करती हैं। वीरचंद पटेल पथ पर मिट्टी के चूल्हे खरीदने पटना के अलावा कई जिलों से लोग आते है और पिछले कई सालो से विदेशी भी चूल्हे खरीद कर ले जाते है।