लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मुस्लिम-यादव वोटरों के सहारे बीजेपी को भारी चुनौती पेश कर रहे अखिलेश यादव को उस समय भारी झटका लगा जब अखिल भारतीय तंजीम उलेमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रिज़वी ने उनपर आरोप लगाया कि वो केवल मुस्लिमों का वोट लेते हैं लेकिन उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं देते हैं।
मौलाना शहाबुद्दीन रिज़वी ने बुधवार को समाचार एजेंसी एनएनआई से बात करते हुए कहा कि कहा, "अखिलेश यादव को केवल मुस्लिम वोट चाहता है, लेकिन वो मुस्लिमों को नेतृत्व नहीं देंगे।"
रिजवी ने कहा, "समाजवादी पार्टी यूपी में जीतने के लिए मुसलमानों का वोट तो चाहती है, लेकिन मुस्लिम नेतृत्व को कभी भी बढ़ावा नहीं देना चाहती है।"
रिजवी ने कहा कि यूपी का मुसलमान इस चुनाव में अपने लिए बेहतर विकल्प तलाश रहा है और उसे अखिलेश यादव पर भरोसा नहीं है।
रिजवी ने यूपी चुनाव में मुसलमानों के सामने सपा के विकल्प के तौर पर कांग्रेस और एआईएमआईएम को पेश करते हुए कहा कि मुसलमान इस चुनाव में केवल समाजवादी पार्टी की ओर ही नहीं देख रहा है, बल्कि उसके सामने कांग्रेस या ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के रूप में भी एक बेहतर विकल्प है।
रिजवी ने कहा कि अखिलेश यादव की पार्टी सपा ने हर चुनावों में केवल मुसलमानों के वोट का इस्तेमाल किया है और उनकी जीत के बाद मुसलमान हमेशा हाशिये पर चला जाता है लेकिन इस चुनाव में ऐसा बिल्कुल नहीं होगा।