पटनाः बिहार के मुंगेर में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान कांग्रेस ने राज्यपाल को मुंगेर की घटना की पूरी जानकारी दी.
साथ ही कहा कि अब यह साफ हो गया है कि मुंगेर में गोली पुलिस ने चलाई थी. इस दौरान कांग्रेस ने बिहार सरकार को इस मामले को लेकर बर्खास्त करने की मांग की. राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि हम मुंगेर मामले पर राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें घटना की जानकारी देने गए थे.
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हमने राज्यपाल को घटना की जानकारी दी है और सीआईएसएफ की रिपोर्ट दिखाई है, जिसमें बताया गया है कि भक्तों ने नहीं बल्कि लोकल पुलिस ने पहले गोली चलाई थी. दरअसल, मुंगेर की घटना को जानबूझकर अंजाम दिया गया. इस घटना कि लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सुशील मोदी जिम्मेवार हैं.
सरकार एसपी और डीएम को बचाने में लगी थी. सुरजेवाला ने कहा कि नीतीश कुमार औऱ सुशील मोदी को तुरंत बर्खास्त किया जाए. वहीं मृतक अनुराग परिवार को 50 लाख मुआवजा दिया जाए और पुलिस प्रसाशन के अधिकारी को निलंबित किया जाए.
उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जाए. साथ ही पूरे मामले की सिटिंग जज से न्यायिक जांच होनी चाहिए. सुरजेवाला ने कहा कि मुंगेर की घटना को जानबूझकर अंजाम दिया गया है. मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री इस घटना के लिए जिम्मेवार हैं. यहां बता दें कि बिहार का मुंगेर शहर गुरुवार को पांच घंटे तक अशांत रहा. पथराव और आगजनी के बीच अमनपसंद लोग घरों में सिमटे रहे.
पुलिस भी कई बार बैकफुट पर नजर आई. गोलीकांड के दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर चैंबर ऑफ कॉमर्स के आह्वान पर गुरुवार को बाजार बंद किया गया था. वहीं आज डीआईजी मनु महाराज ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है. हमारे जवान लगातार निगरानी कर रहे हैं. हम आगजनी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे.
वहीं मनु महाराज ने कहा कि 26 अक्टूबर को उस युवक की मौत कैसे हुई, यह जांच का विषय है. उल्लेखनीय है कि बवाल के दौरान गुस्साए युवाओं की भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियों ने पुलिस और प्रशासन को निशाने पर ले लिया. एसपी कार्यालय में पथराव और तोड़फोड़ उस समय किया गया जब, लिपि सिंह अपने आवास पर मौजूद थीं.
इसके बाद उपद्रवियों के द्वारा एक के बाद एक लगातार थानों को निशाना बनाया जाने लगा. सूचना मिलते ही एसपी सीधे डीएम राजेश मीणा के आवास गईं. डीएम व एसपी उपद्रवियों को काबू करने की योजना बना ही रहे थे कि दोनों के तबादले की जानकारी आ गई. इसके बाद डीआईजी मनु महाराज रोड पर आए और उपद्रवियों को खदेड़ना शुरू किया.