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साकीनाका रेप: बलात्कार और क्रूरता की शिकार महिला की मौत, सीएम उद्धव की पुलिस संग बैठक, 1 महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश

By सतीश कुमार सिंह | Updated: September 11, 2021 20:55 IST

Mumbai Sakinaka Rape Case: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पुलिस को और अधिक सतर्क रहने और महिलाओं की सुरक्षा के उपाय करने के भी निर्देश दिए

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ठळक मुद्देमामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है। जांच में एक ही व्यक्ति के अपराध में शामिल होने की जानकारी मिली है। 21 सितंबर तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया।

 

Mumbai Sakinaka Rape Case: मुंबई के उपनगरीय इलाके साकीनाका में बलात्कार व क्रूरता की शिकार बनी 32 वर्षीय महिला ने यहां नगरपालिका के एक अस्पताल में इलाज के दौरान शनिवार तड़के दम तोड़ दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

मुंबई में हुई दुष्कर्म की इस घटना ने वर्ष 2012 दिल्ली में ‘निर्भया’ सामूहिक दुष्कर्म की याद ताजा कर दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की तत्काल बैठक बुलाई है। सीएम ने 1 महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश दिया। 

मुख्यमंत्री सचिवालय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पुलिस को और अधिक सतर्क रहने और महिलाओं की सुरक्षा के उपाय करने के भी निर्देश दिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मुंबई एक सुरक्षित शहर है। इसकी  छवि पर असर न पड़े। साकीनाका में पुलिस कंट्रोल रूम को घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महज दस मिनट में मौके पर पहुंची और घायल महिला को राजावाड़ी अस्पताल पहुंचाया।

यह घटना शुक्रवार तड़के हुई थी। घटना के कुछ घंटे के बाद ही गिरफ्तार संदिग्ध के खिलाफ दर्ज मामले में अब हत्या की धारा भी जोड़ी गई है। मुंबई पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की है। वहीं, राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने दोषियों को मृत्युदंड देने की मांग की और सवाल किया है कि क्या महाराष्ट्र में महिलाएं सुरक्षित हैं?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना को ‘मानवता पर धब्बा’’ करार दिया है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होगी और पीड़िता जिसकी मौत गंभीर जख्म की वजह से हुई है उसे न्याय मिलेगा।’’ ठाकरे ने बताया कि उन्होंने इस मामले पर राज्य के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल और मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले से बात की है।

साकीनाका मुंबई का पश्चिमी उपनगर है और कई औद्योगिक इकाइयां इलाके में मौजूद हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी मोहन चौहान (45) वाहन चालक का काम करता है और उसी इलाके में फुटपाथ पर रहता है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने दुष्कर्म करने के बाद पीड़ित महिला के निजी अंग पर लोहे की छड़ से हमला किया जिसकी वजह से अत्यधिक खून का स्राव हुआ।

महिला पर चाकू से भी हमला किया गया। पुलिस आयुक्त नागराले ने संवाददाताओं को बताया कि घटना की जानकारी तब हई जब खैरानी रोड स्थित कंपनी के चौकीदार ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचना दी कि एक व्यक्ति महिला पर हमला कर रहा है। उन्होंने बताया कि सूचना के 10 मिनट के भीतर ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और देखा कि पीड़ित महिला वहां खड़े टेम्पू में गंभीर अवस्था में मौजूद है।

पुलिस आयुक्त ने बताया कि पीड़िता की हालत को देखते हुए पुलिस ने उसे उसी वाहन से अस्पताल ले जाने का फैसला किया ताकि देरी नहीं हो। पुलिस को टेम्पू की चाबी चौकीदार से मिली और महिला को घाटकोपर स्थित राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे की तस्वीर भी प्राप्त कर ली जिसमें दिखा कि मोहन चौहान टेम्पू से बाहर आ रहा है।

अधिकारी ने बताया कि चौहान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला है। उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया जहां से उसे 21 सितंबर तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया। नागराले ने बताया कि चौहान का खून से सना कपड़ा जब्त कर लिया गया है और उसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि पता चल सके कि उसपर लगे खून के धब्बे पीड़िता के हैं या नहीं।

उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है। पुलिस आयुक्त ने बताया,‘‘सहायक पुलिस आयुक्त ज्योत्सना रसम जांच अधिकारी होंगी। जांच एक महीने में पूरी की जाएगी और इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होगी जैसा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की है।’’ उन्होंने कहा,‘‘पीड़िता बेहोश थी, इसलिए उसका बयान दर्ज नहीं किया जा सका। इसलिए पुलिस इस बात से अंजान है कि आखिर क्या हुआ लेकिन जांच के दौरान सभी तथ्यों का पता लगाया जाएगा।’’

नागराले ने कहा कि अबतक कि जांच में एक ही व्यक्ति के अपराध में शामिल होने की जानकारी मिली है। पुलिस द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक शुक्रवार को पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा-307 (हत्या का प्रयास), 376 (दुष्कर्म), 323 (हमला) और 34 (समान मंशा) के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन पीड़िता की मौत के बाद धारा-302 (हत्या) जोड़ी गई है जबकि किसी अन्य के शामिल नहीं होने पर धारा-34 हटाई गई है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, ‘‘साकीनाका महिला दुष्कर्म मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होनी चाहिये ताकि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिल सके। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात कर उनसे इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में कराने का आग्रह करना चाहिए।’’

(इनपुट एजेंसी)

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