Mumbai: महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट ने सोमवार को कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव हार जाएगी, क्योंकि पार्टी के पास अब कोई कार्यकर्ता नहीं बचा है और जनता से उसका कोई जुड़ाव नहीं है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सदस्य शिरसाट ने पत्रकारों से बातचीत में यह भी स्वीकार किया कि सत्तारूढ़ महायुति में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए टिकटों की मांग अधिक है और असंतुष्ट नेताओं के ‘‘पाला बदलने’’ की आशंका है। शिरसाट ने दावा किया, ‘‘उद्धव ठाकरे हर किसी से अहंकार से पेश आते हैं।
शिवसेना (उबाठा) बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव हार जाएगी। उनके पास अब कोई पार्टी कार्यकर्ता नहीं बचा है, वे लोगों से नहीं मिलते और न ही पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्थन करते हैं। पिछले चुनावों में चुने गए लगभग 55-57 पार्षद हमारे साथ हैं। अब उन्हें अपने उम्मीदवार खुद ढूंढने होंगे।’’
सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा, ‘‘मुंबई शिवसेना (उबाठा) के लिए अस्तित्व की आखिरी लड़ाई है। हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि चुनाव के बाद पार्टी किस दिशा में जाएगी। ठाकरे ने जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने के बजाय विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के नेता का पद हासिल करने को अधिक प्राथमिकता दी।’’
बहुजन विकास आघाडी के नेता प्रकाश आंबेडकर के इस दावे के बारे में बात करते हुए कि एकनाथ शिंदे फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं, शिरसाट ने कहा कि ऐसे मुद्दों पर फिलहाल चर्चा नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में इन मुद्दों पर कोई भी फैसला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और महायुति द्वारा लिया जाएगा।’’
शिवसेना (उबाठा) की पूर्व पार्षद तेजस्वी घोसालकर भाजपा में शामिल
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनावों से पहले, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की पूर्व पार्षद तेजस्वी घोसालकर सोमवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं। तेजस्वी घोसालकर ने उत्तरी मुंबई के दहिसर विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना (उबाठा) की महिला शाखा की प्रमुख के रूप में कार्य किया था और वह पूर्व विधायक विनोद घोसालकर की पुत्रवधू हैं।
उनके पति अभिषेक घोसालकर की 2024 की शुरुआत में फेसबुक लाइव के दौरान स्थानीय निवासी मॉरिस नोरोन्हा ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। अभिषेक बीएमसी के पूर्व पार्षद भी थे। वह भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख अमीत साटम और पार्टी के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) प्रवीण दरेकर की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गईं।
बाद में, तेजस्वी ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने शिवसेना (उबाठा) में लगन से काम किया था और अब वह अपनी नयी पार्टी में और भी अधिक मेहनत करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी द्वारा मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, मैं उसे स्वीकार करूंगी।’’ तेजस्वी ने अपने पति की हत्या के मामले में जांच के धीमी गति से होने पर भी निराशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पति की हत्या के मामले में सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) की जांच धीमी गति से हो रही है। मुझे उम्मीद है कि यह जल्द से जल्द पूरी हो जाएगी।’’ पिछले साल सितंबर में मुंबई उच्च न्यायालय ने पुलिस जांच में कुछ कमियों और खामियों को रेखांकित करते हुए हत्या की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
तेजस्वी घोसालकर 2017 से 2022 तक (तत्कालीन अविभाजित) शिवसेना की पार्षद थीं। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान उनके और उनके ससुर के बीच मतभेद सामने आए, क्योंकि दोनों दहिसर से चुनाव लड़ना चाहते थे। विनोद घोसालकर ने अंततः शिवसेना (उबाठा) के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा की मनीषा चौधरी से हार गए।