हम यूपी वालों के लिए नेताजी व्यक्ति नहीं इमोशन थे, कुमार विश्वास का ट्वीट- लोहिया जी की पाठशाला के सबसे मेधावी-सफल विद्यार्थी ने विराम लिया
By अनिल शर्मा | Published: October 10, 2022 12:51 PM2022-10-10T12:51:18+5:302022-10-10T12:54:43+5:30
समाजवादी पार्टी ने बताया कि मुलायम सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सैफई ले जाया जा रहा है। उनका अंतिम संस्कार कल दोपहर 3 बजे सैफई में ही किया जाएगा।
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व यूपी के समाजवादी कद्दावर नेता मुलायम सिंह यादव का सोमवार मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें सांस लेने में तकलीफ और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद 22 अगस्त को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मुलायम सिंह के निधन पर पीएम मोदी समेत राजनीति से जुड़ी कई हस्तियों ने दुख व्यक्त किया है। इस बीच कवि कुमार विश्वास ने भी मुलायम सिंह यादव के साथ की तस्वीरें साझा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। कुमार विश्वास ने कहा कि आप उनके राजनैतिक निर्णयों से सहमत-असहमत हो सकते हैं किंतु हम यूपी वालों के लिए नेताजी व्यक्ति नहीं इमोशन थे।
ज़मीन-जनता की समझ और मिट्टी से अपना अस्तित्व गढ़ने की शिद्दत वाला एक युग समाप्त हुआ।लोहिया जी की पाठशाला के सबसे मेधावी-सफल विद्यार्थी ने विराम लिया।आप उनके राजनैतिक निर्णयों से सहमत-असहमत हो सकते हैं किंतु हम यूपी वालों के लिए नेताजी व्यक्ति नहीं इमोशन थे।अंतिम प्रणाम नेताजी🇮🇳🙏 pic.twitter.com/tt0kSw09Ck
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) October 10, 2022
कुमार विश्वास ने ट्वीट में लिखा, जमीन-जनता की समझ और मिट्टी से अपना अस्तित्व गढ़ने की शिद्दत वाला एक युग समाप्त हुआ। लोहिया जी की पाठशाला के सबसे मेधावी-सफल विद्यार्थी ने विराम लिया। आप उनके राजनैतिक निर्णयों से सहमत-असहमत हो सकते हैं किंतु हम यूपी वालों के लिए नेताजी व्यक्ति नहीं इमोशन थे। अंतिम प्रणाम नेताजी।
समाजवादी पार्टी ने बताया कि मुलायम सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सैफई ले जाया जा रहा है। उनका अंतिम संस्कार कल दोपहर 3 बजे सैफई में ही किया जाएगा। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह उनका अंतिम दर्शन के लिए मेदांता अस्पताल पहुंचे। मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को यूपी के इटावा जिले के सैफई में हुआ था। साल 1967 में, वह उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद 1977 में, वह पहली बार उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री बने। इसके बाद 1980 में वह लोक दल के अध्यक्ष बने। साल 1982 से 1985 तक, उन्होंने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में पद संभाला। और 1989 में, वह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।