मुख्तार अंसारी की पत्नी ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र : योगी सरकार बोली- कानून करेगा अपना काम

By भाषा | Published: March 31, 2021 08:01 PM2021-03-31T20:01:48+5:302021-03-31T20:01:48+5:30

Mukhtar Ansari's wife wrote a letter to the President: Yogi Sarkar bid - law will do its job | मुख्तार अंसारी की पत्नी ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र : योगी सरकार बोली- कानून करेगा अपना काम

मुख्तार अंसारी की पत्नी ने लिखा राष्ट्रपति को पत्र : योगी सरकार बोली- कानून करेगा अपना काम

लखनऊ, 31 मार्च पंजाब की जेल में बंद माफिया नेता मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी ने बुधवार को अपने पति की हिफाजत के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखकर गुहार लगाई, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस पर अंसारी को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अंसारी के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में कहा है कि इस वक्त पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उनके पति मुख्तार अंसारी एक मुकदमे में चश्मदीद गवाह हैं, जिसमें भाजपा के विधान परिषद सदस्य माफिया बृजेश सिंह और उनके साथी त्रिभुवन सिंह अभियुक्त हैं। इन दोनों की सत्ता प्रतिष्ठान से नजदीकी को देखते हुए उन्हें इस बात का खतरा महसूस हो रहा है कि पंजाब की जेल से बांदा लाए जाते वक्त रास्ते में फर्जी मुठभेड़ की आड़ में उनके पति की हत्या की जा सकती है।

अफशां ने पत्र में कहा, "प्रार्थी को मिल रही पुख्ता सूचना और दी जा रही धमकी के कारण अब ऐसा लगता है कि अगर मेरे पति के जीवन की सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी तय किए बगैर उन्हें उत्तर प्रदेश भेजा गया तो निश्चित रूप से कोई झूठी कहानी रच कर मेरे पति की हत्या करा दी जाएगी। इसलिए राष्ट्रपति से गुजारिश है कि वह सरकार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दस्ते के साथ जेल से अदालत और अदालत से वापस जेल तक मेरे पति को सुरक्षित भेजने के प्रबंध करने का आदेश दें।"

इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर मुख्तार अंसारी का बचाव करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार किसी भी अपराधी को नहीं बख्शेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की पिछली समाजवादी पार्टी सरकार ने ऐसे तत्वों को बढ़ावा दिया और उन्हें पैठ बनाने दी, जिसकी वजह से हमारा सिर दर्द बढ़ गया है।

उन्होंने कहा, "अंसारी को वापस उत्तर प्रदेश लाने के प्रयास किए जा रहे हैं और यहां उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। नंबर एक माफिया को उत्तर प्रदेश लाया जा रहा है और इसके लिए सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।"

हालांकि, अंसारी को कब उत्तर प्रदेश लाया जाएगा, इस बारे में शासन का कोई भी अधिकारी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। इतना जरूर बताया जा रहा है कि बांदा जेल में अंसारी को रखने की तैयारियां पूरी की जा रही हैं।

दरअसल, योगी सरकार ने शिकायत की थी कि दो साल पहले एक पेशी के लिए पंजाब ले जाए गए मुख्तार अंसारी को पंजाब सरकार वापस नहीं भेज रही है। इससे राज्य में लंबित संगीन अपराध के मुकदमे प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, अंसारी ने उत्तर प्रदेश में अपनी जान को खतरा बताते हुए गुहार लगाई थी कि उन्हें वहां न भेजा जाए।

इस बीच, मुख्तार अंसारी को बुधवार को रंगदारी से संबंधित एक मामले में पंजाब के मोहाली स्थित एक अदालत में पेश किया गया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 अप्रैल नियत की है।

गौरतलब है कि मऊ से बसपा विधायक मुख्तार अंसारी कई विचाराधीन आपराधिक मामलों में 25 अक्टूबर 2005 से न्यायिक अभिरक्षा में जेल में है। इस वक्त वह पंजाब की रोपड़ जेल में बंद है। वर्ष 2005 में कथित रूप से मुख्तार अंसारी गिरोह के हाथों मारे गए भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की विधायक पत्नी अलका राय, अंसारी को उत्तर प्रदेश की जेल में लाए जाने की मांग करते हुए कई बार पत्र लिख चुकी हैं।

इस बीच, वर्ष 2004 में मुख्तार अंसारी पर आतंकवाद रोधी कानून 'पोटा' के तहत कार्रवाई करने वाले पूर्व पुलिस उपाधीक्षक शैलेंद्र सिंह पर दर्ज तोड़फोड़ तथा बलवा करने के एक मुकदमे की वापसी के राज्य सरकार के फैसले पर वाराणसी की एक अदालत ने मुहर लगा दी है।

शैलेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी है, ''2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर एलएमजी मामले में पोटा लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए तत्कालीन सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया, जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे पुलिस उपाधीक्षक पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया।''

उन्होंने लिखा, ''लेकिन जब योगी सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय ने पिछली छह मार्च को स्वीकृति प्रदान की। न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई मैं और मेरा परिवार योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा।

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