दुनिया के हर कोने में पीएम मोदी की लोकप्रियता और स्वीकार्यता नेहरू से ज्यादा: मुख्तार अब्बास नकवी
By भाषा | Published: June 10, 2018 08:05 PM2018-06-10T20:05:57+5:302018-06-10T20:05:57+5:30
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार सर्वाधिक 1 लाख 75 हजार से अधिक भारतीय मुस्लिम बिना हज सब्सिडी के इस वर्ष हज पर जाएंगे।
इलाहाबाद, 10 जून (भाषा) केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता एवं स्वीकार्यता जवाहरलाल नेहरू से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर प्रधानमंत्री मोदी पूरी दुनिया में अमन और इंसानियत की बहुत बड़ी पहचान बनकर उभरे हैं और दुनिया के हर कोने में मोदी की लोकप्रियता और स्वीकार्यता, एक समय जो नेहरू जी की थी, उससे अधिक है।
इलाहाबाद सर्किट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, “पूर्व में इस देश में जो नकारात्मक माहौल था और उसकी वजह से भारत के प्रति दुनिया का जो नजरिया था, उसमें बहुत बड़ा बदलाव आया है।”
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए नकवी ने कहा, “पिछले चार साल सामान्य नहीं रहे.. इस दौरान नाकारा और नाकाम विपक्ष ने संसद और सड़क दोनों ही जगहों पर बाधा पैदा की। पूरी तरह से नकारात्मक राजनीति से भरपूर उनका कामकाज रहा जिससे कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य पूरे नहीं हो सके।”
उत्तर प्रदेश में फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनावों में पार्टी को मिली हार का कारण पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, “इसका कारण आपको पता है कि भ्रष्टाचार की कुंडली और बेईमानों की मंडली इकट्ठा हो गई। उसका अच्छा अनुभव भी हो गया है और हम आगे की रणनीति उसके हिसाब से बनाएंगे।”
यह पूछे जाने पर कि सपा-बसपा के कथित गठबंधन को तोड़ने की क्या कोई रणनीति बनाई जा रही है, उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें तोड़ने के लिए हमें रणनीति बनाने की जरूरत नहीं है, वे खुद टूटेंगे.. अपने विरोधाभास से टूटेंगे क्योंकि इस तथाकथित गठबंधन का साझा कार्यक्रम है करप्शन, कंट्राडिक्शन और कनफ्यूजन।”
नकवी ने कहा, “नरेंद्र मोदी की सरकार में हमारे मंत्रालय का बजट 1,000 करोड़ रुपये बढ़ाया गया जो अब तक का रिकार्ड है। इन चार सालों में सीखो और कमाओ, उस्ताद, गरीब नवाज कौशल विकास, नई मंजिल आदि के तहत 5 लाख 43 हजार युवाओं को कौशल विकास एवं रोजगार के अवसर मुहैया कराए गए हैं।”
उन्होंने कहा, “पहले अल्पसंख्यक समाज से दो-तीन प्रतिशत लड़के लड़कियां यूपीएससी की परीक्षा पास करते थे। वहीं पिछले दो सालों में तस्वीर बदली है.. पिछले साल 126 और इस साल 132 लोग अल्पसंख्यक समाज से चुने गए जो आजादी के बाद एक रिकार्ड है। वे अपनी योग्यता के दम पर आए हैं, हमने केवल भेदभाव का माहौल खत्म किया है।”
नकवी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार सर्वाधिक 1 लाख 75 हजार से अधिक भारतीय मुस्लिम बिना हज सब्सिडी के इस वर्ष हज पर जाएंगे। इसी तरह, पहली बार 1300 से ज्यादा महिलाएं बिना महरम (पुरुष रिश्तेदार) के इस वर्ष हज पर जा रही हैं। नकवी यहां जलालपुर घोसी गांव में कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करने आए थे।
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