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हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी को जमानत देने से मप्र उच्च न्यायालय का इनकार

By भाषा | Updated: January 28, 2021 19:53 IST

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इंदौर, 28 जनवरी हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के बहुचर्चित मामले में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी और एक अन्य प्रस्तोता नलिन यादव की जमानत याचिकाएं बृहस्पतिवार को खारिज कर दीं।

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने अपने आदेश में कहा कि देश में अलग-अलग तबकों के बीच सौहार्द्र और भाईचारा बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए।

एकल पीठ ने शीर्ष न्यायालय के एक पुराने न्याय का हवाला देते हुए यह भी कहा कि किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता उसके कर्तव्यों और अन्य नागरिकों के प्रति उसके दायित्वों के साथ संतुलित होनी ही चाहिए।

उच्च न्यायालय ने फारुकी और यादव की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। एकल पीठ ने बृहस्पतिवार को जारी फैसले में दोनों आरोपियों की याचिकाएं खारिज करते हुए कहा, "मुकदमे के गुण-दोषों को लेकर संबंधित पक्षों की दलीलों पर अदालत कोई भी टिप्पणी करने से बच रही है। लेकिन मामले में जब्त सामग्री, गवाहों के बयानों और (पुलिस की) जांच जारी होने के चलते फिलहाल जमानत याचिकाओं को मंजूर करने का कोई मामला नहीं बनता है।"

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में रेखांकित किया कि उसने केस डायरी का अच्छी तरह अवलोकन किया है। अदालत ने कहा, "मामले में अब तक जब्त सबूत और सामग्री पहली नजर में इशारा करती है कि (विवादास्पद) स्टैंड-अप कॉमेडी शो की आड़ में वाणिज्यिक तौर पर आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में आरोपी द्वारा भारत के एक वर्ग के नागरिकों की धार्मिक भावनाओं को जान-बूझकर आहत करने के इरादे से अपमानजनक बातें कही गई थीं।"

बहरहाल, एकल पीठ ने स्पष्ट किया कि उसके मौजूदा आदेश में मुकदमे के तथ्यों को लेकर की गई प्रत्येक टिप्पणी दोनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर निर्णय करने भर से संबंधित है और ऐसी किसी भी टिप्पणी का प्रकरण की निचली अदालत में लम्बित सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

फारुकी, यादव और तीन अन्य आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत इंदौर पुलिस ने एक जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था। शहर के एक कैफे में एक जनवरी की शाम आयोजित विवादास्पद हास्य कार्यक्रम के खिलाफ पेश शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी को लेकर यह कदम उठाया गया था। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने यह मामला दर्ज कराया था।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से पहले इंदौर जिले की दो निचली अदालतें भी फारुकी और यादव की जमानत अर्जियां खारिज कर चुकी हैं।

शिकायतकर्ता एकलव्य सिंह गौड़ तथा मामले के कुछ गवाहों ने दंड प्रकिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 161 के तहत दर्ज बयानों में फारुकी और यादव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के आरोप लगाए हैं।

उच्च न्यायालय के बृहस्पतिवार के आदेश में इन बयानों के जिन अंशों का हवाला दिया गया है, उनमें भगवान राम और माता सीता के साथ गोधरा कांड को लेकर फारुकी के कथित तौर पर आपत्तिजनक चुटकुलों का जिक्र किया गया है।

हालांकि, इस आदेश में प्राथमिकी के उस हिस्से पर कोई विशिष्ट टिप्पणी नहीं की गई है जिसमें आरोप लगाया गया है कि विवादास्पद हास्य कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर भी अभद्र चुटकुले पेश किए गए थे।

इस बीच, फारुकी के वकील अंशुमान श्रीवास्तव ने कहा कि वह युवा हास्य कलाकार की जमानत याचिका खारिज करने के मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं।

श्रीवास्तव ने कहा, "इंदौर में एक जनवरी को आयोजित हास्य कार्यक्रम के दौरान मेरे मुवक्किल अपनी प्रस्तुति ठीक से शुरू तक नहीं कर सके थे और शिकायतकर्ता (एकलव्य सिंह गौड़) ने मंच पर पहुंचकर उनसे बहस शुरू कर दी थी तथा कार्यक्रम जबरन रुकवा दिया था।"

गौरतलब है कि फारुकी और इस हास्य कार्यक्रम के अन्य प्रस्तोताओं के खिलाफ इंदौर के तुकोगंज पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में आरोप है कि उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर अभद्र टिप्पणियां की थीं।

बहरहाल, फारुकी के वकील ने दावा किया कि इन कथित टिप्पणियों को लेकर उनके मुवक्किल पर प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों का इंदौर के कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं है और उनकी पुरानी प्रस्तुतियों के विवादों को लेकर उनके खिलाफ राजनीतिक दबाव में स्थानीय स्तर पर मामला गढ़ा गया है।

इस बारे में पूछे जाने पर इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) हरिनारायणाचारी मिश्रा ने दावा किया, "हमारी प्राथमिकी के आरोप इंदौर में नववर्ष पर आयोजित कार्यक्रम से ही संबंधित हैं जिसमें फारुकी और अन्य हास्य कलाकारों ने भाग लिया था।"

उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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