मप्र उच्च न्यायालय ने ओझा को "पाखंडी" बताते हुए दुष्कृत्य मामले में जमानत देने से किया इनकार
By भाषा | Published: August 27, 2021 08:51 PM2021-08-27T20:51:27+5:302021-08-27T20:51:27+5:30
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने झाड़-फूंक की आड़ में 20 वर्षीय विवाहिता से कथित दुष्कर्म के मामले में एक ओझा को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि यह ओझा "पाखंडी" और "सभ्य समाज के माथे पर कलंक" है। उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने इस सख्त टिप्पणी के साथ पड़ोस के धार जिले के मामले में एक ग्रामीण ओझा की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी। अभियोजन के एक अधिकारी के मुताबिक विवाहिता की तबीयत खराब होने पर पति और एक रिश्तेदार झाड़-फूंक कराने 18 अगस्त 2020 की रात उसे ओझा के पास ले गए थे। अधिकारी ने बताया कि आधी रात को ओझा महिला को श्मशान में ले गया और उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया, जबकि उसने उसके पति और रिश्तेदार को घटनास्थल से काफी दूर एक नाले के पास पहले ही रोक दिया था। उन्होंने बताया कि ओझा पर महिला को यह धमकी देने का आरोप भी है कि अगर उसने किसी को आपबीती सुनाई, तो वह उसे और उसके परिवार के सदस्यों को जान से मार डालेगा। अधिकारी ने बताया कि धमकी से डरी-सहमी महिला बलात्कार के नौ महीने बाद अपनी मां और एक रिश्तेदार को आपबीती सुनाने की हिम्मत जुटा सकी और इसके बाद ओझा के खिलाफ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।उन्होंने बताया कि दुष्कृत्य मामले में गिरफ्तारी के बाद ओझा इस साल 22 मई से न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद है।
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