मध्य प्रदेश चुनाव 2018: अकील के गढ़ में सेंध मारने को BJP ने चली चाल, कांग्रेस की इस महिला नेता को तोड़ा
By राजेंद्र पाराशर | Updated: November 10, 2018 19:32 IST2018-11-10T19:32:46+5:302018-11-10T19:32:46+5:30
भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट पर भाजपा को 1977 से लेकर अब तक हुए 9 विधानसभा चुनावों में केवल 1 बार जीत हासिल हुई है, जबकि कांग्रेस इस सीट पर 6 मर्तबा जीत हासिल कर चुकी है।

फाइल फोटो
राजधानी में कांग्रेस का गढ़ बनती जा रही भोपाल उत्तर विधानसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारकर आरिफ अकील की लगातार जीत के रथ को रोकने का प्रयास किया है। इस बार भाजपा ने पूर्व मंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता रहे रसूल अहमद सिद्दकी की लड़की फातिमा को भाजपा में लाकर मैदान में उतारा है। हालांकि 2013 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से भाजपा ने दिग्गज नेता आरिफ बेग को मैदान में उतारा था, मगर भाजपा को यहां जीत हासिल नहीं हो पाई थी।
मध्यप्रदेश में मुस्लिम बाहुल सीटों में गिनी जाने वाली प्रमुख सीट में भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट का नाम आता है। इस सीट पर 1977 के बाद से केवल एक बार 1993 में हिन्दू नेता विधायक बना था। 1993 के चुनाव में एक तरफा लहर के चलते भाजपा के रमेश शर्मा गुट्टू भैया को जीत मिली थी। इस चुनाव के बाद भाजपा के सारे प्रयास अब तक असफल रहे हैं। इस सीट पर हिन्दू नेता को मैदान में उतारने पर लगातार हार मिलती रही तो भाजपा ने 2013 के विधानसभा चुनाव में यहां से पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरिफ बेग को मैदान में उतारा।
राजधानी की मुस्लिम बाहुल सीट पर टिकी भाजपा की नजर
आरिफ बेग ने कांग्रेस प्रत्याशी आरिफ अकील को टक्कर तो दी, मगर वे चुनाव नहीं जीत पाए। बेग भी जब अकील के इस किले को नहीं ढ़हा पाए तो भाजपा ने इस बार सोची-समझी रणनीति के तहत कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री रहे रसूल अहमद सिद्दकी की लड़की फातिमा सिद्दकी को चुनाव मैदान में उतार दिया। फातिमा ने गुरुवार की दोपहर 4।30 बजे भाजपा की सदस्यता ली और रात को भाजपा ने उन्हें भोपाल उत्तर से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।
भाजपा ने इस सीट पर रणनीति के तहत फातिमा को उतारा है। इसके लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह काफी प्रयास कर रहे थे, वे बाबूलाल गौर और सरताज सिंह की नाराजगी को देख उनके कांग्रेस में जाने पर कांग्रेस को करारा जवाब देना चाहते थे। यही वजह थी कि गुरुवार को जब सरताज सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता की बात कही तो भाजपा ने इस मामले में सक्रियता बढ़ाई और फातिमा को भाजपा की सदस्यता दिलाकर प्रत्याशी की घोषणा कर दी।
बीते 9 चुनावों में एक बार जीती भाजपा
भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट पर भाजपा को 1977 से लेकर अब तक हुए 9 विधानसभा चुनावों में केवल 1 बार जीत हासिल हुई है, जबकि कांग्रेस इस सीट पर 6 मर्तबा जीत हासिल कर चुकी है। एक बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आरिफ अकील इस सीट पर जीते थे, जबकि एक बार जनता पार्टी को यहां पर जीत हासिल हुई। 1977 में जनता पार्टी की प्रत्याशी के रुप में इस सीट पर हामीद कुरैशी ने जीत हासिल की थी।
इसके बाद 1980 में इस सीट पर रसूल अहमद सिद्दकी चुनाव जीते। सिद्दकी इस सीट पर 1980 के बाद 1985 में भी चुनाव जीते। उन्हें आरिफ अकील ने 1990 में निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव हराया था। हालांकि बाद में 1993 के चुनाव में अकील को यहां पर हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में भाजपा के रमेश शर्मा गुट्टू भैया को जीत हासिल हुई थी, लेकिन फिर उन्होंने 1998 के चुनाव में जीत हासिल की। इसके बाद अकील लगातार इस सीट पर 2003, 2008, 2013 का चुनाव जीते हैं।
मुस्लिम के साथ भाजपा का परपंरागत वोट मुझे मिलेगा: फातिमा
भाजपा की उम्मीदवार बनाए जाने के बाद फातिमा रसूल ने कहा कि उत्तर विधानसभा सीट से मेरे पिता रसूल अहमद सिद्दकी विधायक थे। उन्हें कौन नहीं जानता। भोपाल की जनता उनके द्वारा किए गए कामों को आज तक नहीं भूली है। उन्होंने कहा कि इस सीट पर उन्हें मुस्लिम मतदाताओं के अलावा भाजपा का परंपरागत वोट भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने लंबे समय तक राजनीति की, जनता की सेवा की, राजनीति तो मेरे खून में है।
