मध्यप्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस गुटों में उलझ गई है. मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के अलावा अब दिग्विजय सिंह खेमे के दावेदारों की सक्रियता से हाईकमान की परेशानी भी बढ़ गई है. दिग्विजय समर्थकों की बंद कमरे में हुई बैठक के बाद कमलनाथ और सिंधिया समर्थक भी चिंतित हुए हैं.
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर अब तक ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. लोकसभा चुनाव के बाद यह माना जा रहा था कि कांग्रेस हाईकमान इस पद पर जल्द ही ताजपोशी करेगा, मगर हाईकमान अब तक प्रदेश अध्यक्ष नहीं बना पाया है. प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अब तक कांग्रेस दो गुटों मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुटों में बंटी नजर आ रही थी, मगर मंगलवार को जब दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष चयन को लेकर हाईकमान के साथ बैठकों का दौर शुरु हुआ तो अचानक दिग्विजय सिंह गुट ने सक्रियता दिखाई.
दिग्विजय सिंह के साथ बंद कमरे में उनके समर्थक अजय सिंह और डा. गोविंद सिंह उपस्थित थे. तीनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद दिग्विजय गुट सक्रिय हो गया है. हालांकि दिग्विजय सिंह ने बैठक के बाद यह साफ किया कि उपयुक्त शख्स को इस पद की जिम्मेदारी मिलेगी, इसके लिए सबकों इंतजार करना होगा.
वहीं डा. गोविंद सिंह ने कहा कि इस पद के लिए कौन व्यक्ति उपयुक्त होगा इसका फैसला सोनिया गांधी करेंगे. इसके अलावा खुद अजय सिंह ने अपने को इस पद की दौड़ से बाहर बताया है. मगर सूत्रों की माने तो दिग्विजय सिंह की ओर से इस पद के लिए डा. गोविंद सिंह और अजय सिंह के नाम आगे किए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने समर्थक गृह मंत्री बाला बच्चन का नाम पहले से ही आगे बढ़ा रहे हैं, वे बच्चन या फिर लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को इस पद पर बैठाने की कवायद कर रहे हैं, ताकि सत्ता और संगठन दोनों पर उनका दबाव रहे. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट द्वारा पहले तो सिंधिया समर्थक रामनिवास रावत का नाम लिया जा रहा था, मगर हाल ही में बदले समीकरण के चलते इस पद के लिए शिक्षा मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी या फिर महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी का नाम चर्चा में आया है.
सिंधिया का नाम सबसे ऊपर
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए वैसे प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने नेताओं से चर्चा कर करीब आधा दर्जन नामों की सूची कांग्रेस हाईकमान को सौंपी है. इस सूची में सबसे ऊपर पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम बताया जा रहा है. सिंधिया समर्थक सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए दबाव भी बना रहे हैं. सिंधिया का नाम आगे आने की खबरों के बाद से दिग्विजय सिंह गुट के नेताओं की बढ़ी सक्रियता ने पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी को मुसीबत में डाल दिया है. हाईकमान का संदेश साफ था कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए ऐसे व्यक्ति को कमान सौंपी जाए जो पूरे पांच साल तक कमलनाथ सरकार को चलाने में सहयोग करते हुए संगठन को भी मजबूती दिला सके.
दिग्विजय का नाम भी आया सामने
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए दिग्विजय सिंह का नाम भी अब सामने आया है. दिल्ली में हुई बैठक के बाद यह माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी अनुभवी और मजबूत व्यक्ति को संगठन की कमान सौंपना चाहती हैं. उनका मानना है कि इस पद पर ऐसे व्यक्ति को बैठाया जाए जो सारे गुटों में तालमेल बना कर रखे और सरकार को भी नुकसान नहीं हो. विधानसभा चुनाव के दौरान दिग्विजय सिंह ने जिस तरह से सभी गुटों को साधने का प्रयास किया था, उसे देखते हुए हाईकमान उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप सकता है. सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सिंह के नाम पर अपनी सहमति दे सकते हैं.