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मप्र : आदिवासियों को लुभाने के लिए सप्ताह के दौरान कार्यक्रम आयोजित करेंगे भाजपा, कांग्रेस

By भाषा | Updated: November 21, 2021 21:19 IST

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भोपाल, 21 नवंबर मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस सप्ताह के दौरान राज्य के आदिवासियों के बीच पहुंच बनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेंगे। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को मंडला में एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे, जबकि कांग्रेस ने बुधवार को अपने आदिवासी विधायकों की बैठक बुलाई है।

मंडला भाजपा जिला अध्यक्ष भीष्म द्विवेदी ने रविवार को फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सोमवार के कार्यक्रम में चौहान आदिवासी राजा शंकर शाह और उनके बेटे रघुनाथ शाह की प्रतिमाएं मंडला के राजराजेश्वरी किला वार्ड में स्थापित करेंगे।

इन दोनों जननायकों ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अपने साहस से जन-जन में स्वाधीनता की अलख जगाई थी, जिसके लिए अंग्रेजी हुकूमत ने दोनों को तोपों से बांधकर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘चौहान तत्कालीन गोंडवाना राज्य की राजधानी रामनगर में यहां आदिवासियों की एक विशाल रैली को भी संबोधित करेंगे, जो भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर को शुरू हुए जनजातीय गौरव दिवस सप्ताह का समापन सम्मेलन होगा।’’

इसी बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 24 नवंबर को पार्टी के आदिवासी विधायकों के साथ भोपाल में बैठक करने जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने कहा, ‘‘मैं बुधवार को इस बैठक में हिस्सा लेने भोपाल आ रहा हूं।’’

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक भाजपा मध्य प्रदेश में अपना आदिवासी जनाधार फिर से हासिल करने की पुरजोर कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे बरकरार रखने की कोशिश कर रही है।

वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश की कुल 7.26 करोड़ आबादी में से आदिवासियों की संख्या 1.53 करोड़ या 21.08 प्रतिशत है।

मध्य प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 47 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं, जबकि 35 अन्य विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर 50,000 से अधिक आदिवासी मतदाता हैं।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित इन 47 सीटों में से 31 सीटों पर जीत हासिल करने बाद सत्ता के आ गई थी, जबकि भाजपा को इनमें से केवल 16 सीटें मिली थी।

हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 विधायकों के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने से मार्च 2020 में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अल्पमत में आकर गिर गई और भाजपा पुन: प्रदेश में सत्ता में आ गई थी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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