जोधपुर में 80 से अधिक प्रवासी पक्षी मृत मिले, रानीखेत रोग की चपेट में आने का संदेह

By भाषा | Published: November 9, 2021 06:48 PM2021-11-09T18:48:39+5:302021-11-09T18:48:39+5:30

More than 80 migratory birds found dead in Jodhpur, suspected of being infected with Ranikhet disease | जोधपुर में 80 से अधिक प्रवासी पक्षी मृत मिले, रानीखेत रोग की चपेट में आने का संदेह

जोधपुर में 80 से अधिक प्रवासी पक्षी मृत मिले, रानीखेत रोग की चपेट में आने का संदेह

जोधपुर (राजस्थान), नौ नवंबर राजस्थान के जोधपुर जिले के करपड़ा गांव में पिछले तीन दिनों में 80 से अधिक कुरजां (डेमोयसेले क्रेन) पक्षी मृत मिले हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों को संदेह है ये पक्षी रानीखेत रोग की चपेट में आए हैं।

रानीखेत रोग एक विषाणु जनित रोग है।

स्थानीय वन्यजीव कार्यकर्ता भजन लाल नैन को शनिवार को इन प्रवासी पक्षियों के शव दिखे थे और उन्होंने वन्यजीव विभाग तथा अन्य वन्यजीव कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी दी। इसके बाद वन विभाग ने एक दल को मौके पर भेजा, जिसमें पशु चिकित्सक भी शामिल थे।

वरिष्ठ पशु चिकित्सक श्रवण सिंह राठौड़ ने बताया कि करीब 100 बीमार पक्षियों का इलाज भी चल रहा है और उनके भी रानीखेत रोग से पीड़ित होने का संदेह है।

कुछ पक्षियों के विसरा के नमूने भोपाल की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं और उसकी रिपोर्ट दो दिन में आने की उम्मीद है।

एक वन अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमने तुरंत ही जांच शुरू कर दी और लक्षणों के आधार पर मौत का कारण रानीखेत रोग होने का संदेह है। अन्य पक्षी इसकी चपेट में ना आएं इसलिए कंकालों को दूर स्थान पर गहरे गड्डों में दफना दिया गया है, ताकि कुत्ते या अन्य जानवर भी उन्हें खोदकर बाहर ना निकाल पाएं।’’

पशु चिकित्सकों ने बीमार पक्षियों का इलाज शुरू कर दिया है, जो उड़ नहीं पा रहे है। जलाशयों में भी दवाएं डाल दी गई हैं।

राठौड़ ने कहा, ‘‘ हमने पानी में दवाएं मिला दी हैं, ताकि संक्रमित पक्षी इसे पीने से ठीक हो पाएं और अन्य पक्षियों को इस घातक संक्रमण से बचाया जा सके। कुछ पक्षी अन्य स्थानों पर उड़ गए लेकिन हम शेष पक्षियों को उड़ने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं ताकि वे किसी अन्य स्थान पर अन्य स्वस्थ पक्षियों से ना मिलें और वहां संक्रमण न फैले।’’

इससे पहले, राजस्थान की सांभर झील में नवंबर 2019 में बड़ी संख्या ‘एवियन बोटुलिज़्म’ (जलपक्षी) मारे गए थे। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत के मामले में हस्तक्षेप कर जांच के लिए समिति का गठन किया था। समिति की रिपोर्ट में अधिकतर पक्षियों की मौत की वजह, सांभर झील की आर्द्रभूमि के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिये पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन किया गया।

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Web Title: More than 80 migratory birds found dead in Jodhpur, suspected of being infected with Ranikhet disease

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