Morbi Bridge Incident: सरकारी वकील एचएस पांचाल ने कहा, "ओरेवा कंपनी ने पुल की पुरानी जंग लगी केबलों को नहीं बदला, केवल फर्श बदलकर काम निपटा दिया"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 2, 2022 03:13 PM2022-11-02T15:13:23+5:302022-11-02T15:20:34+5:30
मोरबी हादसे में सरकारी वकील ने कहा कि 135 लोगों की जान लेने वाले 143 साल पुराने केबल पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार ओरेवा कंपनी ने अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभाई।
मोरबी: सियासी गलयारों में केबल पुल हादसे पर चल रही जंग के बीच अब यह मामला अदालत की चौखट पर भी पहुंच चुक है। अदालत से भी मोरबी हादस को लेकर कई सनसनीखेज बातें निकल कर सामने आ रही हैं। 135 लोगों की जान लेने वाले 143 साल पुराने केबल पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार ओरेवा कंपनी ने अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभाई, जिस कारण सैकड़ों लोगों की जान असमय चली गई। लेकिन इस अपराध के लिए ओरेवा कंपनी अकेले जिम्मेदार नहीं बल्कि मोरबी नगरपालिका भी इस संबंध में बराबर भागीदार नजर आ रही है।
ओरेवा कंपनीके खिलाफ आरोप उस और भी पुख्ता हो गये, जब मोरबी कोर्ट के अतिरिक्त लोक अभियोजक एचएस पांचाल ने खुलासा किया कि हादसे का शिकार हुआ केबल पुल का सही तरीके से मेंटेनेंस ही नहीं किया गया था इस संबंध में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सरकारी वकील एचएस पांचाल ने कहा, "एफएसएल रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने साफ कहा कि केबल (पुल का) जंग खा रहा था। एफएसएल के अधिकारी का प्रथम दृष्टया कहना है कि यह एक पुरानी केबल थी और पुल का बस फर्श बदला गया, केबल नहीं बदला गया और सही से मेंटेनेंस नहीं किया गया था।"
इसके साथ ही वकील एचएस पांचाल ने एक और खुलासा करते हुए पुल के रखरखाव के लिए जिम्मेदार ओरेवा कंपनी और जिला प्रशासन मोरबी के संबंध में कहा, "रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने कहा कि निविदा प्रक्रिया नहीं हुई और अनुबंध सीधे आवंटित किया गया था।"
रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने कहा कि निविदा प्रक्रिया नहीं हुई और अनुबंध सीधे आवंटित किया गया था: वकील एच.एस. पांचाल, अतिरिक्त लोक अभियोजक, मोरबी#MorbiBridgeCollapse
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 2, 2022
इसका सीधा मतलब यह हुआ कि ओरेवा कंपनी ने अपने रूतब और पहुंच का इस्तेमाल किया या फिर उसे पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी देने में भ्रष्टाचार किया गया। मामले में जांच के लिए गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार ने स्पेशल एसआईटी गठित की है, जो मामले की गहनता स जांच कर रही है।
लेकिन मोरबी पुल के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा कंपनी को देने के लि कई राजनीतिक दल भी सवाल उठा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक मोरबी जिला प्रशासन न ओरेवा ग्रुप को मार्च 2022 से मार्च 2037 तक 15 साल के लिए इस पुल के मेंटनेंस की जिम्मेदारी दी थी। जिसे पुल के रखरखाव का कोई अनुभव नहीं था। इतना ही नहीं, मोरबी जिला प्रशासन ने घड़ी और सीएफएल बनाने वाली इस कंपनी को पुल के रखरखाव के साथ-साथ इसकी सफाई, सुरक्षा और टोल वसूलने का काम भी दिया था।
अब बात करते हैं राहत और बचाव कार्य के बारे में, जो अब भी अनवरत जारी है। इस संबंध में एनडीआरएफ क कमांडेंट प्रसन्ना कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि बचाव अभियान लगातार जारी है। अगर अभी अन्य शव होते तो हमें मिल जाते, हमें लगता है कि अब कोई शव नहीं बचा है। ज़िला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 1-2 लोग अब भी लापता हैं। हम अन्य एजेंसियों के साथ तलाशी अभियान चला रहे हैं।
बचाव अभियान लगातार जारी है। अगर अभी अन्य शव होते तो हमें मिल जाते, हमें लगता है कि अब कोई शव नहीं बचा है। ज़िला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 1-2 लोग अब भी लापता हैं। हम अन्य एजेंसियों के साथ तलाशी अभियान चला रहे हैं: प्रसन्ना कुमार, NDRF कमांडेंट,मोरबी#MorbiBridgeCollapsepic.twitter.com/8GJcdyXF6l
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 2, 2022
मालूम हो कि मोरबी हादसे में चल रहे राहत कार्य में अब तक कुल 135 शव बरामद किए जा चुके हैं वहीं हादसे के शिकार हुए घायलों का इलाज मोरबी जिला अस्पताल में चल रहा है। पुल गिरने के बाद मामले में तेजी दिखाते हुए मोरबी पुलिस ने मामल में अभी तक 9 गिरफ्तारी की है, पुलिस की जांच अब भी जारी है और घटना के दोषियों की पहचान की जा रही है।
वहीं गुजरात सरकार ने मोरबी पुल हादसे के मार गये लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए 2 नवंबर को राजकीय शोक की घोषणा की है। जिस कारण आज पूरे गुजरात में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके हुए हैं।