भारतीय बैंकों का परिदृश्य स्थिर, वित्त वर्ष 18-19 में भारत की वास्तविक GDP दर 7.2% रहेगी: मूडीज
By स्वाति सिंह | Published: December 3, 2018 01:02 PM2018-12-03T13:02:50+5:302018-12-03T13:03:33+5:30
मूडीज ने सरकारी बैंकों को सरकार का समर्थन मजबूत रहने का अनुमान व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘दिवाला शोधन की चुनौतियों के बाद भी सार्वजनिक बैंकों का वित्तपोषण एवं तरलता मजबूत बनी रहेगी। बैंकों का मुनाफा सुधरेगा लेकिन ऋण पर अधिक ब्याज दर के कारण नरम रहेगा।’’
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के अनुमानों को कम कर दिया है। मूडीज ने कहा कि संपत्ति की गुणवत्ता के खराब रहने के बाद भी वृद्धि की संभावनाएं मजबूत बने रहने के कारण भारतीय बैंकिंग प्रणाली के लिये अगले 12-18 महीने की अवधि के लिये परिदृश्य स्थिर है।
परिदृश्य का स्थिर रहना छह मानकों ... परिचालन माहौल, संपत्ति की गुणवत्ता, पूंजी, वित्तपोषण एवं तरलता, मुनाफा एवं दक्षता और सरकारी समर्थन ... पर निर्भर करता है। मूडीज के अनुसार, ये मानक स्थिर हैं।
मूडीज ने एक बयान में कहा कि मजबूत आर्थिक वृद्धि के समर्थन से माहौल स्थिर बना रहेगा।
एजेंसी का मानना है कि निवेश में तेजी तथा मजबूत उपभोग के दम पर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर मार्च 2019 को समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत और इसके बाद के वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत रहेगी।
मूडीज के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी श्रीकांत वद्लामणि ने कहा, ‘‘नरमी के बाद भी संपत्ति की गुणवत्ता में हो रहे सुधार और मजबूत आर्थिक वृद्धि के कारण भारतीय बैंकिंग प्रणाली के लिये हमारा परिदृश्य स्थिर है।’’
एजेंसी ने कहा, हालांकि गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों में तरलता की दिक्कतें वृद्धि की दर में कमी लाएंगी। बढ़ती ब्याज दर भी एक जोखिम है।
मूडीज ने संपत्ति की गुणवत्ता के बारे में कहा कि यह स्थिर लेकिन कमजोर रहेगी।
मूडीज ने सरकारी बैंकों को सरकार का समर्थन मजबूत रहने का अनुमान व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘दिवाला शोधन की चुनौतियों के बाद भी सार्वजनिक बैंकों का वित्तपोषण एवं तरलता मजबूत बनी रहेगी। बैंकों का मुनाफा सुधरेगा लेकिन ऋण पर अधिक ब्याज दर के कारण नरम रहेगा।’’
मूडीज भारत के 15 व्यावसायिक बैंकों की रेटिंग करता है।
(भाषा इनपुट के साथ)