Monsoon tracker: केरल में मानसून ने नहीं दी दस्तक, करना होगा इंतजार, जानें क्या कहा भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 5, 2023 01:58 PM2023-06-05T13:58:39+5:302023-06-05T15:39:50+5:30
Monsoon tracker: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि केरल में मानसून ने दस्तक नहीं दी है। विभाग ने तीन से चार दिन की और देरी होने की आशंका जतायी है।

शुरुआत सात दिन पहले या सात दिन बाद हो सकती है।
Monsoon tracker: दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के चलते चक्रवाती हवाएं मॉनसून के केरल तट की ओर आगमन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को यह जानकारी दी।
हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मॉनसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई। आईएमडी ने कहा, ‘‘दक्षिण अरब सागर के ऊपर पश्चिमी हवाएं औसत समुद्र तल से 2.1 किमी ऊपर तक चल रही हैं। हालांकि, दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती प्रवाह के कारण, बादल छाने की परिस्थिति बनी है और वह उसी क्षेत्र में केंद्रित है तथा पिछले 24 घंटों में केरल तट के पास बादलों में कुछ कमी आई है।’’ आईएमडी ने कहा, ‘‘इसके अलावा, इस चक्रवाती प्रवाह के असर से अगले 24 घंटे के दौरान उसी क्षेत्र में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
इसके उत्तर की ओर बढ़ने और बाद के 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पूर्व और इससे सटे पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर दबाव के रूप में मजबूत होने की संभावना है।’’ आईएमडी ने कहा कि इस प्रणाली के बनने और इसके मजबूत होने तथा उत्तर की ओर बढ़ने से केरल तट की ओर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के बढ़ने पर असर पड़ने की संभावना है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आम तौर पर एक जून को लगभग सात दिनों के मानक विचलन के साथ केरल में प्रवेश करता है। मई के मध्य में, आईएमडी ने कहा था कि मॉनसून चार जून तक केरल में आ सकता है। दक्षिण-पूर्वी मॉनसून पिछले साल 29 मई, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था।
आईएमडी ने पूर्व में कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है।
पूर्व और उत्तर पूर्व, मध्य और दक्षिण प्रायद्वीप में लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 87 सेंटीमीटर के हिसाब से 94-106 प्रतिशत वर्षा होने की उम्मीद है। भारत के कृषि परिदृश्य के लिए सामान्य वर्षा महत्वपूर्ण है। खेती वाले क्षेत्र का 52 प्रतिशत हिस्सा मॉनसून की वर्षा पर निर्भर है। यह देश भर में बिजली उत्पादन के अलावा पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों के भंडारण के लिए भी महत्वपूर्ण है।
मानसून रविवार को केरल में दस्तक देने वाला था लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हुई और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इसमें तीन से चार दिन की और देरी होने की आशंका जतायी है। दक्षिण-पश्चिम मानसून आम तौर पर एक जून को केरल में दस्तक देता है और इसकी शुरुआत सात दिन पहले या सात दिन बाद हो सकती है।
मई के मध्य में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा था कि मानसून 4 जून तक केरल में दस्तक दे सकता है। आईएमडी ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘दक्षिण अरब सागर के ऊपर पश्चिमी हवाओं में वृद्धि के साथ स्थितियां अनुकूल हो रही हैं।
साथ ही, पश्चिमी हवाओं की गहराई धीरे-धीरे बढ़ रही है और आज, 4 जून को पश्चिमी हवाओं की गहराई औसत समुद्र तल से 2.1 किलोमीटर ऊपर तक पहुंच गई। उसने कहा, ‘‘दक्षिणपूर्व अरब सागर पर बादल का द्रव्यमान भी बढ़ रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि केरल में मानसून की शुरुआत के लिए इन अनुकूल परिस्थितियों में अगले तीन-चार दिनों के दौरान और सुधार होगा।
इसकी लगातार निगरानी की जा रही है और कल (सोमवार) आगे की अद्यतन जानकारी प्रदान की जाएगी।’’ वैज्ञानिकों ने कहा कि हालांकि, मानसून की शुरुआत में इस देरी से देश में खरीफ की बुआई और कुल बारिश पर असर पड़ने की संभावना नहीं है।
दक्षिण-पूर्वी मानसून पिछले साल 29 मई, 2021 को केरल पहुंचा था। आईएमडी ने पहले कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। उत्तरपश्चिम भारत में सामान्य से लेकर सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है।