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पूरे देश में तय समय से 17 दिन पहले पहुंचा मानसून, पश्चिमी राजस्थान में भी होने लगी झमाझम बारिश 

By रामदीप मिश्रा | Updated: June 29, 2018 19:53 IST

मानसून पश्चिमी राजस्थान में स्थित देश की आखिरी सीमा चौकी श्रीगंगानगर में पहुंच गया है। श्रीगंगानगर में मानसून सामान्यत 15 जुलाई को पहुंचना था।

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नई दिल्ली, 29 जूनः भीषण गर्मी से जूझ रहे उत्तर भारत से लेकर पूरे देश में बारिश के बाद राहत मिल गई है। अब अधिकांश जगहों पर बारिश का दौर शुरू हो गया है। इस संबंध में शुक्रवार को  भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि मानसून तय समय से 17 दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया है। इसके पीछे की वजह पूर्व की ओर से चलने वाली हवाओं के चलते तय समय से पहले ही पूरे देश में बारिश होने लगी है। 

मानसून पश्चिमी राजस्थान में स्थित देश की आखिरी सीमा चौकी श्रीगंगानगर में पहुंच गया है। श्रीगंगानगर में मानसून सामान्यत 15 जुलाई को पहुंचना था। मौसम विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि मानसून शुक्रवार को पूरे देश में पहुंच गया। मानसून को एक जुलाई को पूरे देश में पहुंचना था, लेकिन पश्चिमी राजस्थान में बारिश होने लगी।

मानसून के चार महीने का मौसम आम तौर पर एक जून से शुरू होता है और 30 सितंबर को खत्म होता है। इस साल मानसून एक जून के तय समय से तीन दिन पहले ही 29 मई को केरल पहुंच गया। इससे जून के पहले 15 दिन में पश्चिमी तट पर बारिश हुई। बहरहाल, संक्षिप्त अंतराल के बाद उसने आगे बढ़ना शुरू किया। देश में दक्षिण पश्चिम मानसून से 70 फीसदी बारिश होती है।

इससे पहले मौसम विभाग बता चुका है कि इस साल उत्तर पश्चिमी और मध्य भारत के इलाकों में मानसून की लगभग शत प्रतिशत सक्रियता की संभावना है। मौसम विभाग द्वारा दक्षिण पश्चिमी मानसून की सक्रियता के आधार पर जारी बारिश के दूसरे चरण के दीर्घकालिक औसत पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल जुलाई से अगस्त के दौरान पूरे देश में बारिश का स्तर सामान्य अनुमानित स्तर का 97 प्रतिशत तक रहेगा। इस दौरान उत्तर पश्चिमी राज्यों में बारिश का स्तर 100 प्रतिशत और मध्य भारत में 99 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने गत 16 अप्रैल को मानसून के पहले चरण में जून से सितंबर के लिये बारिश का दीर्घकालिक औसत पूर्वानुमान जारी किया था। इस चरण में बारिश की मात्रा औसत अनुमान से 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना जतायी गयी थी। 

दूसरे चरण में जुलाई से अगस्त की अवधि के लिये बुधवार को जारी दीर्घकालिक औसत पूर्वानुमान के तहत मौसम के लिहाज से देश के चार भौगोलिक क्षेत्रों में उत्तर पश्चिमी और मध्य भारत क्षेत्र में औसत बारिश का अनुमानित स्तर लगभग शत प्रतिशत रहने का लगाया गया है। इसके अलावा दक्षिणी प्रायदीप क्षेत्र में इसका स्तर 95 प्रतिशत और पूर्वोत्तर क्षेत्र में 93 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।

विभाग ने मासिक आधार पर जुलाई महीने में देश में औसत बारिश का स्तर सामान्य अनुमान का 101 प्रतिशत और अगस्त में 94 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है। विभाग के मानकों के मुताबिक देश में बारिश का सामान्य औसत स्तर 89 सेमी है। यह स्तर वर्ष 1951 से 2000 के बीच हुई बारिश की औसत मात्रा के मुताबिक नियत किया गया है।लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर के सब्सक्राइब करें   

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