बंगलुरु 15 मईः कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) वो सारे दांव पलट दिए हैं। ये वो सीट है जिसने बीजेपी को 2013 विधानसभा चुनाव हरा दिया था। इस क्षेत्र के धाकड़ नेता श्रीरामलु ने अपनी पार्टी बनाई थी, बीएसआर कांग्रेस और क्षेत्र की चार सीटें बीजेपी से छीन ली थीं। लेकिन इसका प्रभाव महज 4 सीटों तक नहीं था। श्रीरामलु के अलग होने से बीजेपी की आधी ताकत छिन गई थी। लेकिन इस बार बीजेपी में शामिल श्रीरामलु 53438 वोटों के साथ विजयी बढ़त बनाए हुए हैं। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के योगेश बाबू 28860 सीट पर हैं।
लेकिन इस बार बीजेपी ने श्रीरामलु को अपना लिया। श्रीरामलु को अपना बनाते ही क्षेत्र के दूसरे धाकड़ रेड्डी बंधु भी बीजेपी में शामिल हो गए। माहौल ऐसा बना कि श्रीरामलु वर्तमान में बेल्लारी के सांसद होने के बावजूद यहां से विधायकी का चुनाव लड़ रहे हैं। यही नहीं वे बादामी जाकर सीएम सिद्धारमैया को चुनौती दे रहे हैं।
मोलाकमलुरु कर्नाटक विधानसभा की 97वीं विधानसभा सीट है। यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरिक्षत (एसटी आरक्षित) सीट है। यह सेंट्रल कर्नाटक रीजन के चित्रदुर्गा जिले का हिस्सा है। यहां 2,27,137 मतदाता हैं। इनमें 1,15,156 पुरुष और 1,11,938 महिला वोटर हैं। यहां का लिंग अनुपात 97.18 है। जबकि शिक्षा दर 66 फीसदी है।
| पार्टी | उम्मीदवार |
| कांग्रेस | डॉ. योगेश बाबू |
| बीजेपी | श्रीरामलु |
| जेडीएस | जीएम थिप्पेस्वामी |
फिलहाल इस सीट पर बीएसआर कांग्रेस के एस थिप्पेस्वामी का कब्जा है। हालांकि अब इसी पार्टी का बीजेपी में विलय हो गया है। लेकिन साल 2013 के चुनावों की बात करें तो यहां बीजेपी हालत बेहद खस्ता थी। बीजेपी यहां महज 3227 वोट पर सिमट गई थी। जबकि श्रीरामलु की पार्टी के उम्मीवार को 76827 वोट मिले थे। साल 2008 के चुनावों में यह सीट कांग्रेस के एनवाई गोपालकृष्णा ने जीती थी। कांग्रेस फिर से यहां सेंध लगाना चाहती है। लेकिन श्रीरामलु किसी हाल में ऐसा नहीं होने देना चाहती।