मोइली ने कहा- कुछ नेताओं ने ‘जी-23’ के नाम पर साधा अपना हित; प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने के पक्षधर

By भाषा | Published: September 12, 2021 05:44 PM2021-09-12T17:44:42+5:302021-09-12T17:44:42+5:30

Moily said- some leaders served their own interests in the name of 'G-23'; In favor of inclusion of Prashant Kishor in Congress | मोइली ने कहा- कुछ नेताओं ने ‘जी-23’ के नाम पर साधा अपना हित; प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने के पक्षधर

मोइली ने कहा- कुछ नेताओं ने ‘जी-23’ के नाम पर साधा अपना हित; प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने के पक्षधर

(आसिम कमाल)

नयी दिल्ली, 12 सितंबर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने रविवार को कहा कि कुछ नेताओं ने जी-23 (23 असहमत नेताओं का समूह) का “दुरुपयोग” किया और कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति अब भी इस समूह के बने रहने का समर्थन करता है तो यह “निहित स्वार्थ” के लिए होगा क्योंकि सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी में सुधार पहले ही शुरू हो चुका है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल किए जाने का भी पुरजोर समर्थन किया और कहा कि उनको पार्टी में लेने का विरोध करने वाले “सुधार विरोधी” हैं।

पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में, मोइली ने जी-23 समूह को कायम रखने का विरोध किया। मोइली उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी। उन्होंने कहा, “हममें से कुछ लोगों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर केवल पार्टी के अंदर सुधारों के लिए और उसके पुनर्निर्माण के लिए किए थे, इसे बर्बाद करने के लिए नहीं।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘कुछ लोगों ने जी-23 का दुरुपयोग किया। सोनिया जी ने जैसी ही पार्टी के भीतर सुधार करने का विचार किया और वह भी जमीनी स्तर से, तब से हमने जी-23 की अवधारणा को नकार दिया।”

उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सुधारों की शुरुआत होने के साथ ही जी-23 की “कोई भूमिका नहीं रह गई और वह अप्रासंगिक हो गया है।”

मोइली ने कहा, “अगर वे (कुछ नेता) इसपर (जी-23 के साथ) कायम रहते हैं तो इसका मतलब है कि उनमें से कुछ का कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम करने का निहित स्वार्थ है, जोकि हम नहीं सोचते और असल में इसका विरोध करते हैं।”

उन्होंने कहा कि कोई भी अगर जी-23 का फिर से इस्तेमाल करता है तो वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसकी विरासत का बहुत बड़ा नुकसान कर रहा है। साथ ही कहा कि ऐसे कार्य कांग्रेस के दुश्मनों की मदद करेंगे।

मोइली की इन टिप्पणियों का महत्व इसलिए है क्योंकि जी-23 के कई नेताओं ने या तो इससे दूरी बना ली है या पिछले साल उनके द्वारा लिखे गए पत्र के बाद से चुप हो गए हैं। सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं के उस समूह में से जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं।

जी -23 में शामिल कुछ नेता हाल ही में कपिल सिब्बल के आवास पर सामाजिक समारोहों में एक साथ नजर आए थे और कथित तौर पर पार्टी के मुद्दों पर चर्चा की थी। एक समारोह में सिब्बल ने कई विपक्षी नेताओं को भी अपने आवास पर आमंत्रित किया था।

मोइली ने कहा कि पार्टी की 'बड़ी सर्जरी', जिसकी वह संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए जरूरत बता रहे थे, उस पर सोनिया गांधी पहले से ही विचार कर रही थीं।

उन्होंने कहा, “वह (सोनिया गांधी) सक्रिय हैं और फैसले ले रही हैं, ऐसे फैसलों की जरूरत है।” साथ ही कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष की ओर से उठाए गए कदमों से खुश हैं।

किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर मोइली ने कहा कि यह सही होगा कि वह कांग्रेस में शामिल हों और भीतर से सुधारों को लागू करें।

मोइली ने कांग्रेस में किशोर के शामिल होने का विरोध कर रहे पार्टी के लोगों से ऐसा नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा देश और कांग्रेस के लिए जरूरी है कि पार्टी में सुधार हो और कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मंशा भी यही है।

भाषा

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी किशोर को शामिल करने पर अंतिम फैसला लेंगी और इस मुद्दे पर कई वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर चुकी हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि किशोर को शामिल करना पार्टी के लिए फायदेमंद होगा, मोइली ने कहा कि चुनावी रणनीतिकार ने साबित कर दिया है कि वह रणनीति बनाने में सफल रहे हैं।

उन्होंने कहा, "बाहर से काम करने के बजाय अगर वह पार्टी में शामिल होते हैं तो यह काफी फायदेमंद होगा।"

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस देश की राजनीति का मुख्य आधार है।

उन्होंने कांग्रेस की स्थिति गरीब जमींदारों की तरह बताने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा, “हम कभी-कभी हार सकते हैं लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि हम हमेशा के लिए हार जाएंगे। उदाहरण के लिए, 1977 में हम हार गए और 1980 में उन पर (इंदिरा गांधी) सभी आरोपों के साथ, अंततः लोगों ने पाया कि वे चाहते थे कि कांग्रेस और इंदिरा जी वापस आए, यह कांग्रेस का इतिहास है।”

मोइली ने यह भी कहा कि पवार ने खुद स्वीकार किया है कि कांग्रेस कई राज्यों में सत्ता में एकमात्र पार्टी थी जो भाजपा को टक्कर दे सकती थी।

मोइली ने कहा, "कांग्रेस इस देश की राजनीति की ताकत का आधार है।"

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस 2024 के चुनावों में भाजपा को टक्कर देने के लिए विपक्षी गठबंधन का आधार होगी, उन्होंने हां में जवाब दिया।

मोइली ने कहा, “आखिरकार सरकार लोगों के समूह, कुछ जातियों या कुछ धर्मों के हितों के लिए काम नहीं कर सकती है, ऐसा नहीं किया जा सकता है। सिर्फ इसलिए कि लोग चुप हैं इसका मतलब यह नहीं है कि वे एक राजनीतिक क्रांति नहीं कर सकते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं लेकिन केवल कांग्रेस के नेतृत्व में।”

उन्होंने आरोप लगाया कि यह याद रखा जाना चाहिए कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के शासन में भारत के संविधान की अखंडता खतरे में हैं।

उन आरोपों पर जवाब देते हुए कि कांग्रेस बस एक परिवार के फायदे के लिए है, मोइली ने कहा कि सोनिया गांधी ने देश के लिए बलिदान दिया और कभी भी पदों के लिए लालायित नहीं रहीं।

राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने के लिए पार्टी के भीतर उठती आवाजों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वायनाड सांसद पार्टी का नेतृत्व करने के लिए बेहतरीन विकल्प हैं लेकिन यह भी कहा कि फिलहाल पार्टी के पुनर्गठन और सुधार पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

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