MP Liquor Policy:मोहन सरकार की नई शराब नीति तैयार ,शराब पीना होगा महंगा
By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Published: February 5, 2024 12:46 PM2024-02-05T12:46:16+5:302024-02-05T12:52:00+5:30
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार की नई आबकारी नीति बनकर तैयार है। सरकार पुरानी सरकार में बंद हुए अहातों को शुरू करने के मूड में नहीं है। पहले से बंद अहातों से बिक्री में आई गिरावट को पूरा करने के लिए लाइसेंस फीस बढ़ाने की तैयारी है।
एमपी में शराब होगी मंहगी,आबकारी नीति का मसौदा तैयार
मध्य प्रदेश में शराब के शौकीनों के लिए यह खबर है... राज्य सरकार ने शराब नीति का मसौदा तैयार कर लिया है। प्रदेश सरकार पुरानी सरकार में बंद हुए अहातों के कारण शराब की बिक्री में आई गिरावट से निपटने की तैयारी में है। नुकसान के चलते लाइसेंस फीस में 15 फीसदी तक वृद्धि करने की तैयारी है। इससे शराब महंगी हो जाएगी। साथ ही सरकार अहातों को दोबारा शुरू करने के मूड में नहीं है।
शिवराज सरकार के कार्यकाल में बंद हुए थे अहाते
शिवराज सरकार के कार्यकाल में शराब की दुकानों को कंपोजिट दुकानों में बदल दिया था यानी की देसी और विदेशी शराब एक साथ बेचने की अनुमति दी गई थी। अब सरकार आबकारी नीति में लाइसेंस फीस बढ़ाने की तैयारी में जिस शराब महंगी हो जाएगी और शराब के शौकीनों को ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे।
आबकारी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार 10 फ़ीसदी तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी में है सरकार देसी शराब पर भी टैक्स बढ़ाने की तैयारी में है नई आबकारी नीति में देसी शराब में एक्साइज ड्यूटी 6 और विदेशी शराब में 10 फ़ीसदी तक बढ़ाई जा सकती है।
एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर शराब महंगा करने की तैयारी
जानकारी के मुताबिक देसी शराब की एक्साइज ड्यूटी 4 साल से बड़ी नहीं है इसी तरह विदेशी शराब में दो साल से एक्साइज ड्यूटी नहीं बढ़ी है। एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से शराब के शौकीनों की जेब पर भार पड़ जाएगा।
मुख्य सचिव वीरा राणा मे आबकारी विभाग की बैठक नये मसौदे पर की चर्चा
शराब की नई नीति को लेकर बीते दिनों प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा ने आबकारी विभाग के अफसर के साथ बैठक की और मसौदे को फाइनल रूप दिया। जिसे अब कैबिनेट में लाया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद आबकारी नीति को लागू किया जाएगा। सरकार एक्साइज ड्यूटी के साथ लाइसेंस फीस को बढ़ाने की तैयारी में है।
सरकार मे आबकारी नीति पर ठेकेदारों से भी लिए सुझाव
सरकार ने आबकारी नीति से पहले ठेकेदारों से सुझाव भी लिए हैं जिसमें नर्मदा किनारे 5 किलोमीटर के दायरे में शराब दुकान नहीं होने के सरकार के फैसले पर विचार करने की मांग ठेकेदारों ने की है। यदि इस पर सहमति बनी तो दायरे को कम करते हुए दो से तीन किलोमीटर तक किया जा सकता है। आबकारी विभाग में नई नीति से 13000 करोड रुपए का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा है। मतलब साफ है की लोकसभा चुनाव से पहले शराब की खपत को कम करने और आमदनी बढ़ाने के तरीकों के साथ सरकार नई नीति को लागू करने की तैयारी में है।